joharcg.com छत्तीसगढ़ के एक छोटे से गांव में महिलाओं के एक समूह ने मछली पालन के माध्यम से अपनी जिंदगी को नया मोड़ दिया। ‘सखी सहेली’ नामक इस महिला समूह ने सामूहिक रूप से मछली पालन शुरू किया, जिससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ, बल्कि उनके सामाजिक स्थान में भी वृद्धि हुई।
पहले यह महिलाएं पारंपरिक कृषि कार्य और घरेलू कामकाज में ही व्यस्त रहती थीं, लेकिन सखी सहेली समूह ने मछली पालन को अपने व्यवसाय के रूप में चुना। यह कदम उनके लिए आर्थिक रूप से स्वतंत्र होने का मार्ग साबित हुआ। समूह ने मछली पालन के लिए स्थानीय जलाशयों का इस्तेमाल करना शुरू किया और इस क्षेत्र में प्रशिक्षित होकर व्यवसाय को विस्तार दिया।
समूह की महिलाएं अब मछली बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रही हैं, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार आया है। इसके साथ ही, वे अब समुदाय में अपनी पहचान बना चुकी हैं और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं। मछली पालन ने उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाया है।
इस सफलता की कहानी से यह साबित होता है कि महिला समूहों को सही मार्गदर्शन और अवसर मिले, तो वे किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं। सखी सहेली समूह ने न केवल अपनी जिंदगी बदली, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा की मिसाल पेश की है।
रायपुर 09 जनवरी 2025/ मुंगेली जिले के शुक्लाभाठा-विचारपुर गांव की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई मिसाल पेश की है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों का सकारात्मक परिणाम सखी सहेली स्व-सहायता समूह के प्रयासों में साफ झलकता है।
समूह की महिलाओं ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सेतगंगा ग्रामीण बैंक से छह लाख रुपए का ऋण लेकर मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया। इस व्यवसाय से उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा बाई गबेल ने बताया कि पहले महिलाएं केवल खेती-बाड़ी पर निर्भर थीं। कम आमदनी के कारण घर की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती थीं।
समूह से जुड़ने और शासन की चक्रीय निधि के तहत 15,000 रुपए का रिवॉल्विंग फंड मिलने के बाद उन्होंने बैंक से ऋण लेकर मछली पालन व्यवसाय शुरू किया। धीरे-धीरे व्यवसाय को विस्तार देते हुए अब वे आर्थिक रूप से मजबूत हो गई हैं।
समूह की महिलाओं की इस सफलता ने न केवल उनकी जीवनशैली में सुधार किया है, बल्कि वे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। समूह की अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सफलता शासन की योजनाओं और उनके सही क्रियान्वयन का परिणाम है। सखी सहेली समूह की यह कहानी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो अपने जीवन को बदलने की दिशा में प्रयासरत हैं।