joharcg.com तिब्बत का झिजांग प्रांत एक बार फिर भूकंप के झटकों से हिल गया। 15 घंटे के भीतर यहां कुल 150 से अधिक भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे इलाके के लोग दहशत में आ गए। लगातार झटकों के कारण लोगों में भय का माहौल बन गया है और कई जगहों पर घरों की दीवारों में दरारें भी आ गई हैं।
स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया है और प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित सहायता भेजी जा रही है। हालांकि, भूकंप के कारण किसी बड़ी जनहानि की खबर नहीं है, लेकिन छोटे-मोटे नुकसान और लोगों में दहशत जरूर फैल गई है।m
मौसम विभाग और भूकंप विज्ञानियों ने बताया कि झिजांग प्रांत में जिस तरह से बार-बार भूकंप के झटके महसूस हो रहे हैं, वह क्षेत्र के भूगर्भीय संरचना के कारण है। ये झटके भू-तंतु के आपस में टकराने के कारण आ रहे हैं, जो इस इलाके की सामान्य स्थिति बन चुकी है। विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और भूकंप से प्रभावित इलाकों में राहत और पुनर्निर्माण कार्यों की योजना बनाई जा रही है।
स्थानीय निवासियों और विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी स्थिति में भूकंप के बाद के झटकों से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर रहना और पहले से ही तैयार रहना जरूरी है। प्रशासन ने इस संकट से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने की बात कही है।
बीजिंग: तिब्बत का झिजांग प्रांत भूकंप के एक और झटके से फिर थर्रा उठा है। आज बुधवार को सुबह करीब 7 बजे यह झटका महसूस किया गया। हालांकि इस बार किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। बताया जा रहा है कि यह भूकंप झिजांग प्रांत में आया। गत 15 घटों में तिब्बत में कम से कम 150 भूकंप के झटके महसूस किये जा चुके हैं। इससे लोग दहशत में हैं। वहीं मंगलवार को आए भूकंप में अब तक कम से कम 128 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि काफी संख्या में लोग घायल हैं।
बुधवार को तिब्बत में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर करीब 4 आंकी गई है। इसका केंद्र जमीन के अंदर करीब 10 किलोमीटर की गहराई तक था। तिब्बत के साथ ही साथ नेपाल में भी भूकंप का यह झटका महसूस किया गया। इसकी तीव्रता करीब 4.2 आंकी गई है।
तिब्बत मंगलवार को आए भूकंप के बाद अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। क्षेत्रीय आपदा राहत मुख्यालय के अनुसार, भूकंप मंगलवार सुबह (बीजिंग समयनुसार) 9:05 बजे चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के शिगाज़े में डिंगरी काउंटी में आया। इसका केंद्र शिगाज़े शहर के डिंगरी काउंटी के सोगो कस्बे में था। शिगाजे पूर्वोत्तर नेपाल में खुम्बू हिमालय पर्वतमाला में लोबुत्से से 90 किमी.उत्तर-पूर्व में स्थित है,
तथा यह तिब्बत का अंतिम सीमावर्ती शहर है, जो नेपाल-तिब्बत-भारत ट्राई-जंक्शन से अधिक दूर नहीं है। यह इलाका सिक्किम से मिलता है। शिगाजे को शिगास्ते के नाम से भी जाना जाता है जो भारत की सीमा के करीब है। शिगास्ते को तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है। यह पंचेन लामा की पारंपरिक पीठ है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के एक प्रमुख व्यक्ति हैं।