joharcg.com राज्य में 100 साल पुराना मिशन अस्पताल, जिसे एक ऐतिहासिक धरोहर माना जाता था, पर प्रशासन ने बुलडोजर चला दिया है। यह कार्रवाई भूमि विवाद और निर्माण नियमों का उल्लंघन करने के आरोपों के बाद की गई है। अस्पताल प्रशासन और स्थानीय समुदाय ने इस कदम पर विरोध जताया है, जबकि सरकारी अधिकारियों का कहना है कि यह कदम कानूनी प्रक्रिया के तहत उठाया गया है।
मिशन अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि यह अस्पताल पिछले कई दशकों से जरूरतमंद लोगों के इलाज के लिए काम कर रहा था और इसकी ऐतिहासिक और सामाजिक अहमियत थी। अस्पताल का अधिकांश हिस्सा अब भी पुराने भवन में स्थित था, जो संरक्षित धरोहर के रूप में मौजूद था। हालांकि, प्रशासन ने इसे अवैध निर्माण और भूमि कब्जे के आरोपों के आधार पर ध्वस्त करने का निर्णय लिया है।
स्थानीय निवासियों और कार्यकर्ताओं ने इस कदम का विरोध करते हुए इसे सरकार की जनविरोधी नीति करार दिया है। उनका कहना है कि इस ऐतिहासिक अस्पताल के ध्वस्त होने से गरीबों और जरूरतमंदों के इलाज के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थान खत्म हो जाएगा। दूसरी ओर, प्रशासन ने इसे एक जरूरी कदम बताया, जो कानून की प्रक्रिया को लागू करने और सार्वजनिक संपत्ति के संरक्षण के लिए लिया गया।
अब यह देखना होगा कि भविष्य में इस अस्पताल के स्थान पर क्या निर्माण होता है और क्या इसकी ऐतिहासिक महत्ता को बनाए रखने के प्रयास किए जाएंगे।
बिलासपुर जिले में मिशन अस्पताल पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। नगर निगम ने अतिक्रमण दस्ते ने अवैध कब्जा को हटाना शुरू किया है। करोड़ों की सरकारी जमीन पर व्यावसायिक उपयोग पर हो रहा था।
दरअसल, कमिश्नर कोर्ट ने लीज समाप्ति के आदेश को सही ठहराया था। इस अस्पताल के ओपीडी, आईसीयू और अन्य हिस्सों को कब्जे में कर लिया गया था। बिलासपुर के मिशन अस्पताल परिसर को जिला प्रशासन के कब्जे में ले लिया था।
भवन की बदहाली को देखते हुए जर्जर भवन घोषित किया गया। इसके बाद नगर निगम ने 10 बुलडोजर से भवन को जमीदोज करने में लगें है। सुबह 6 बजे से अतिक्रमण दस्ते की 10 गाड़ियां भवन को जमींदोज करने में लगे हैं। करोड़ों की सरकारी जमीन पर व्यवसायिक उपयोग हो रहा था। जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम संयुक्त कार्रवाई कर रही है।
दरअसल, कमिश्नर कोर्ट ने लीज समाप्त होने पर भूमि अधिग्रहण के आदेश को सही ठहराया था। मिशन हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉक्टर रमन जोगी और पदाधिकारियों ने अस्पताल के ओपीडी, आईसीयू और अन्य हिस्सों को कब्जा कर लिया था। लाइसेंस रिन्यूअल नहीं होने के बाद भी जर्जर भवन में अस्पताल का संचालन किया जा रहा था।
दस साल पहले खत्म हो गई है लीज की अवधि
मिशन अस्पताल की स्थापना साल 1885 में हुई थी। मिशन अस्पताल को लीज पर दिया गया। था। लीज साल 2014 में खत्म हो गई है। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने लीज का नवीनीकरण नहीं कराया है। नवीनीकरण के लिए पेश किए गए आवेदन को नजूल न्यायालय ने वर्ष 2024 में खारिज कर दिया। नजूल न्यायालय के खिलाफ मिशन प्रबंधन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी करने से इनकार कर दिय