joharcg.com छत्तीसगढ़ में चावल की उठाव प्रक्रिया के बाद, राज्य सरकार ने 25 मिलर्स को चावल जमा नहीं करने के कारण नोटिस जारी किया है। यह कदम सरकारी अनाज भंडारण और वितरण प्रणाली की सुचारु व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
राज्य खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मिलर्स द्वारा चावल जमा नहीं करने से सरकार के भंडारण और वितरण कार्य में रुकावट उत्पन्न हो रही है। इसके परिणामस्वरूप किसानों के भुगतान में भी देरी हो सकती है, जिससे सरकार की योजना प्रभावित हो रही है।
राज्य सरकार ने इन मिलर्स को 48 घंटे के भीतर चावल जमा करने के लिए कहा है। यदि मिलर्स द्वारा निर्धारित समय सीमा के भीतर चावल जमा नहीं किया गया, तो कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई से राज्य में चावल के उठाव और वितरण की प्रक्रिया में सुधार होगा, जिससे किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य समय पर मिल सके।
राज्य सरकार के इस कदम से यह संकेत मिलता है कि वह खाद्य सुरक्षा और किसानों के हितों की रक्षा के लिए गंभीर है।
कोरबा। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग का कार्य जिले के 104 पंजीकृत राईस मिलर्स कर रहे हैं। साल बीत जाने के बाद धान उठाव के अनुपात में 2,009.12 मीट्रिक टन चावल जमा करना शेष है। चावल जमा नहीं करने वाले मिलर्स को जिला प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पखवाड़े भर के भीतर चावल जमा नहीं किए जाने पर संवैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा हेतु जिले के राइस मिलरों के द्वारा उठाए गए धान की मात्रा 1,97,796.16 मीट्रिक टन के विरुद्ध जमा करने के लिए अनुपातिक चावल की कुल मात्रा 1,33,758.38 मीट्रिक टन चावल जमा किया जाना है। उक्त अनुपातिक चावल के विरूद्ध के विरूद्ध जिले के राइस मिलरों ने 25 नवंबर की स्थिति में कुल 1,31,749.25 मीट्रिक टन चावल जमा किया गया है तथा 2,009.12 मीट्रिक टन चावल नागरिक आपूर्ति निगम में जमा के लिए शेष है। उक्त शेष मात्रा जिले के 25 राइस मिलरों के द्वारा जमा किया जाना है ।
3100 रुपये की दर से धान खरीदी, किसानों को मिल रहा सही दाम
खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों की मेहनत को सही मूल्य देने के लिए सार्थक पहल की जा रही है। जिससे किसानों में अपनी उपज विक्रय करने के लिए उत्साह और आत्मविश्वास बढ़ा है। सरकार द्वारा धान खरीद प्रक्रिया को बेहतर व सरल बनाने के लिए आनलाइन टोकन, डिजिटल पंजीकरण, खरीद केंद्रों तक सुगम पहुंच और समय पर भुगतान की व्यवस्था की गई है।
कलेक्टर अजीत वसंत ने बतायाय कि कृषको से 21 क्विंटल प्रति एकड़ एवं 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी सुनिश्चित की गई है। साथ ही खरीदी प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनाई गई है। इस व्यवस्था से किसानों को यह सुनिश्चित होता है कि उन्हें अपनी फसल का उचित मूल्य मिलेगा, जो उनके लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद होगा।
करतला विकासखंड के ग्राम सोलवां के किसान शेर सिंह राठिया ने सरकार के इन प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि इससे किसानों को अपनी फसल का उचित कीमत मिल रहा है और वे आर्थिक सुदृढ़ बनेंगे। 70 वर्षीय कृषक शेर सिंह ने बताया कि उनकी कुल 4.95 एकड़ जमीन है। जहां उन्होंने अपनी अथक मेहनत से अन्न उपजाया है।
इस वर्ष उनकी मेहनत खूब रंग लाई है और धान की अच्छा उत्पादन हुआ है। कुछ दिन पूर्व ही उन्होंने अपनी फसल की कटाई की है। खलिहान में मिसाई और उपज की साफ सफाई के बाद उनकी धान विक्रय के लिए पूरी तरह तैयार हो गई है। इस वर्ष आनलाइन टोकन पंजीयन की सुविधा मिलने से उन्हें समिति में जाकर टोकन कटाने के लिए लंबी लाइन में खड़े रहने की आवश्यकता नही पड़ी।
मोबाइल के जरिये ही उन्हें 52 क्विंटल धान विक्रय के लिए टोकन प्राप्त हो गया। इससे उन्हें बड़ी प्रसन्नता हुई। सुमेधा निवासी विजय कुमार कंवर ने बताया कि सरकार द्वारा 3100 रुपये क्विंटल की दर से धान खरीदी करने से छोटे किसानों को बहुत राहत मिल रही है। इससे किसानो को उनके मेहनत का वास्तविक मूल्य मिलेगा और वे आर्थिक रूप से शसक्त बनेंगे।
उन्होंने कहा कि किसानों के समृद्धि के लिए सरकार की यह प्रयास प्रसंशनीय है। विजय ने कहा कि टोकन के लिए भी आनलाइन पंजीयन की व्यवस्था है। इससे किसान को और अधिक सहूलियत होगी। साथ ही शीघ्र भुगतान की भी व्यवस्था की गई है। धान खरीदी की इस प्रकार की व्यवस्थाओं से किसानों की मेहनत का पूरा मूल्य सुनिश्चित हो रहा है और वे अपने उपज को बिना किसी परेशानी के उपार्जन केंद्रों तक पहुंचा रहे हैं।