एशियन चैंपियंस ट्रॉफी

joharcg.com भारत ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए ट्रॉफी पर कब्जा किया। भारतीय हॉकी टीम ने फाइनल में अपने दमदार खेल से विरोधियों को हराया और एशिया की सबसे प्रतिष्ठित हॉकी प्रतियोगिता में अपना supremacy साबित किया।

फाइनल मुकाबले में भारत ने एक शानदार रणनीति के साथ खेलते हुए विपक्षी टीम को हराया। भारत के खिलाड़ियों ने शानदार पैनलिटी शूटआउट में जबरदस्त प्रदर्शन किया, जिससे भारत को ट्रॉफी जीतने में सफलता मिली। इस जीत से भारतीय हॉकी टीम ने अपनी ताकत और सामर्थ्य का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया।

भारतीय टीम के कप्तान ने इस ऐतिहासिक जीत के बाद अपने साथियों की तारीफ की और टीम की एकजुटता को श्रेय दिया। उन्होंने कहा, “यह जीत सिर्फ हमारे खेल का परिणाम नहीं है, बल्कि हमारी मेहनत, समर्पण और एकजुटता का परिणाम है।”

भारत की इस जीत ने हॉकी के प्रति लोगों की रुचि को और बढ़ावा दिया है और एशियाई स्तर पर भारतीय हॉकी टीम की प्रतिष्ठा को मजबूती दी है। भारतीय हॉकी टीम ने यह साबित किया कि उनकी क्षमता और सामर्थ्य किसी भी स्तर पर चुनौती देने के लिए तैयार है।

इस जीत से भारतीय हॉकी के लिए नई उम्मीदें और अवसर उत्पन्न हुए हैं। आने वाले समय में भारत अपनी इस जीत को और बेहतर परिणामों के साथ बढ़ावा देने के लिए और भी मेहनत करेगा।

दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में चीन को 1-0 से हराकर खिताब जीत लिया है। भारतीय महिला टीम ने इस तरह तीसरी बार खिताब जीता। भारत के लिए दीपिका ने तीसरे क्वार्टर में गोल किया जो अंत में निर्णायक साबित हुआ। दीपिका ने 31वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया और टीम को बढ़त दिलाई। चीन की टीम निर्धारित समय तक गोल नहीं कर सकी और उसे हार का सामना करना पड़ा।

दीपिका ने किया कमाल
गत चैंपियन के तौर पर उतरी भारतीय टीम ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान दमदार प्रदर्शन किया और शानदार खेल के दम पर खिताब बरकरार रखने में सफल रही। फाइनल में चीन ने भारत को कड़ी टक्कर दी और पहले दो क्वार्टर तक दोनों ही टीमें गोल नहीं कर सकीं। हालांकि, तीसरे क्वार्टर में दीपिका ओलंपिक की रजत पदक विजेता चीन के गोल पोस्ट को भेदने में सफल रहीं। दीपिका का इस टूर्नामेंट का यह 11वां गोल था।

पिछले साल रांची में और 2016 में सिंगापुर में यह खिताब जीत चुकी भारतीय टीम ने जबरदस्त तालमेल और संयम का परिचय देते हुए चीन को हाशिये पर रखा। पहला हाफ गोलरहित रहने के बाद दूसरे हाफ के पहले ही मिनट में भारत को मिले पेनल्टी कॉर्नर पर दीपिका ने गोल करके खचाखच भरे बिहार खेल यूनिवर्सिटी स्टेडियम में मौजूद दर्शकों में उत्साह का संचार कर दिया।

भारत के पास तीसरे क्वार्टर में ही बढ़त दुगुनी करने का सुनहरा मौका था, लेकिन 42वें मिनट में मिले पेनल्टी स्ट्रोक पर दीपिका का शॉट चीन की गोलकीपर ने दाहिनी ओर डाइव लगाकर बचा लिया। भारत को चौथे क्वार्टर में भी एक पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन वैरिएशन का कोई नतीजा नहीं निकला। वहीं, भारतीय खिलाड़ी एक बार फिर फिनिशंग टच के लिए जूझते रहे। जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में 16 पेनल्टी कॉर्नर में से एक भी तब्दील नहीं कर सकी भारतीय टीम की कमजोरी फाइनल में पहले 30 मिनट में फिर देखने को मिली जब उसे मिले चार पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए।

Radheshyam Rathiya Archives – JoharCG