अवैध धान

joharcg.com धान की अवैध आवक और कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। इस दिशा में प्रशासन द्वारा विशेष निगरानी की जा रही है, खासकर उन कोचियों (मध्यस्थों) पर, जो अवैध तरीके से धान की खरीद-फरोख्त में शामिल पाए जाते हैं। राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने इस मुद्दे पर सख्ती दिखाई है और अवैध धान की तस्करी और विक्रय पर रोक लगाने के लिए विशेष उपाय किए हैं।

प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि अवैध धान की आवक से किसानों को सही मूल्य नहीं मिल पाता और राज्य के खाद्य सुरक्षा और वितरण प्रणाली पर प्रतिकूल असर पड़ता है। साथ ही, यह कृषि क्षेत्र को नुकसान पहुंचाता है और सरकारी खरीद की प्रक्रिया को बाधित करता है। ऐसे में अधिकारियों द्वारा हरकत में आए कोचियों और बाजार में हो रही अवैध खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए सक्रिय निगरानी शुरू कर दी गई है।

कोचियों पर निगरानी
इस विशेष अभियान के तहत प्रशासन ने विभिन्न स्थानों पर चेकिंग अभियान चलाने की योजना बनाई है। कोचियों की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है और उन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जो अवैध रूप से धान की खरीदारी कर रहे हैं। इसके लिए बाजारों, गोदामों और किसानों से सीधे संपर्क साधकर जांच की जा रही है। इसके अलावा, राज्य और जिला स्तर पर एक समन्वय समिति भी बनाई गई है, जो अवैध गतिविधियों की जानकारी प्राप्त करने और कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कार्य कर रही है।

कड़े उपायों के साथ जागरूकता अभियान
प्रशासन केवल कड़ी निगरानी तक ही सीमित नहीं है, बल्कि किसानों को अवैध धान की बिक्री से होने वाले नुकसान के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। सरकार की ओर से यह संदेश दिया जा रहा है कि किसान अपनी उपज को सीधे सरकारी खरीद केंद्रों पर ही बेचें ताकि उन्हें सही मूल्य मिल सके और अवैध गतिविधियों से बचा जा सके।

भ्रष्टाचार पर रोक
प्रशासन का यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अवैध धान की तस्करी से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है और सरकारी खरीद प्रणाली प्रभावित होती है। इस समस्या के समाधान के लिए विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय और सख्त कानूनों का पालन सुनिश्चित किया जा रहा है।

आगे की योजना
प्रशासन द्वारा इन प्रयासों को और मजबूत करने के लिए नियमित निगरानी और जांच अभियान जारी रखने की योजना है। इसके साथ ही, कृषि विभाग द्वारा किसानों को उचित मार्गदर्शन और समर्थन देने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई जा रही हैं, ताकि धान की खरीद और बिक्री पूरी तरह से पारदर्शी हो सके।

इस कदम से यह उम्मीद जताई जा रही है कि अवैध धान की आवक पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकेगा, और किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य मिलेगा।

कोरबा।  जिले के धान उपार्जन केंद्रों में अवैध धान के आवक पर रोक लगाने कलेक्टर अजीत वसंत के निर्देशन में प्रशासन द्वारा गम्भीरता से कार्य किया का रहा है। जिला प्रशासन द्वारा समितियों में विक्रय हेतु आने वाले धान की मॉनिटरिंग की जा रही है। सरकारी जमीन में अतिक्रमण कर खेती करने वालों के विरुद्ध निरंतर जब्ती की कार्यवाही की जा रही है।

राजस्व, पुलिस एवं धान खरीदी से सम्बंधित विभागों की संयुक्त टीम द्वारा संवेदनशील धान खरीदी केंद्रों एवं बिचौलियों, कोचियों पर विशेष निगरानी  रखा जा रहा है। साथ ही अवैध धान के आवागमन पर रोक लगाने के लिए गोदामों का भौतिक सत्यापन भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज कटघोरा के छुरीकला में सुभाष जोशी के स्टोर्स से 15 क्विंटल अवैध धान जब्त किया गया है।

कटघोरा अतिरिक्त तहसीलदार भूषण कुमार मंडावी सहित राजस्व विभाग की टीम द्वारा गोदाम में स्टॉक वेरीफिकेशन के दौरान 15 क्विंटल अवैध धान भंडारित पाया गया जिसे टीम द्वारा जब्ती की कार्यवाही की गई। इसी प्रकार कोरबा के बरपाली तहसील अंतर्गत ग्राम देवलापाठ में राजस्व जमीन में कब्जा कर धान का फसल लेने वाले गोविंद राम, पंच राम बरेठ, रामनिवास बहोरिक के लगभग 1.5 एकड़ भूमि मे लगाए गए फसल को जब्त किया गया।

एक अन्य प्रकरण में विकासखण्ड पाली के हरदीबाजार अंतर्गत ग्राम उतरदा में शासकीय भूमि में कब्जाधारी हेमसिंह पटेल द्वारा खसरा नंबर 1450 रकबा 0.95 एकड़ में कब्जा कर लगाए गए धान के फसल को राजस्व विभाग की टीम द्वारा जब्त किया गया है। जिससे इस रकबे में लगे धान का धान खरीदी केंद्रों में पंजीकृत किसान के खाते से विक्रय ना हो पाए।

O. P. Choudhary Archives – JoharCG