joharcg.com प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के जमुई जिले में आयोजित राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दिवस न केवल भगवान बिरसा मुंडा की याद में है, बल्कि यह जनजातीय समाज के इतिहास के प्रति एक सम्मान और उनके योगदान को पुनः स्थापित करने का प्रयास है।
उन्होंने यह भी कहा कि आजादी के बाद जनजातीय समाज के योगदान को नजरअंदाज किया गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनजातीय समाज के समग्र कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू की जा रही हैं। मोदी ने कहा, “जनजातीय समाज वो है जिसने न केवल भारत की संस्कृति और आजादी की रक्षा की, बल्कि राजकुमार राम को भगवान बना दिया।”
प्रधानमंत्री ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर 6000 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें जनजातीय बच्चों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़कें, संग्रहालय और पक्के घरों के निर्माण कार्य शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि देव दीपावली के दिन 11,000 से अधिक जनजातीय परिवारों को अपने घरों में प्रवेश करने का अवसर मिला।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और जबलपुर में जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालयों का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और अन्य प्रमुख नेता उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी जनजातीय समाज के अधिकारों और उनके इतिहास को पुनः स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “जनजातीय समाज का जल, जंगल और जमीन पर अधिकार ऐतिहासिक रूप से उनका है, जिसे अंग्रेजों ने उनसे छीनने की कोशिश की थी।”
राज्यपाल श्री पटेल ने मध्यप्रदेश में जनजातीय कल्याण के लिए किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं को सफल बनाने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने शहडोल जिले में सिकल सेल स्क्रीनिंग और जागरूकता अभियानों की सफलता की जानकारी भी साझा की।
इस दौरान 229.66 करोड़ रुपये की लागत से 76 विकास परियोजनाओं का भूमि पूजन और उद्घाटन भी किया गया। प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल ने जनजातीय समाज के लिए एक नई दिशा दिखाई है और उनकी समृद्धि की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।
जनजातीय गौरव दिवस के इस ऐतिहासिक अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों और योजनाओं की प्रदर्शनी ने भी जनजातीय संस्कृति और परंपराओं को साझा करने का एक बेहतरीन मंच प्रदान किया।