joharcg.com कृषि भवन में भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव, डॉ. देवेश चतुर्वेदी से एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का उद्देश्य भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कृषि क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना था। दोनों देशों के बीच कृषि व्यापार, तकनीकी सहयोग, और साझा परियोजनाओं पर चर्चा की गई।
बैठक के दौरान, उच्चायुक्त ने ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच कृषि क्षेत्र में विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा, जल प्रबंधन और उन्नत कृषि प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच कृषि के क्षेत्र में दीर्घकालिक साझेदारी की महत्वपूर्ण संभावना है। दोनों देशों के पास ऐसे अनुभव और संसाधन हैं जो एक-दूसरे को फायदा पहुंचा सकते हैं।”
डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने इस बैठक को बेहद सकारात्मक और फलदायी बताया। उन्होंने कहा, “भारत में कृषि क्षेत्र में सुधार और आधुनिकीकरण की दिशा में कई प्रयास किए जा रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के साथ साझेदारी से हम नई तकनीकों और कृषि पद्धतियों को अपनाकर अपने किसानों की उत्पादकता और आय में सुधार कर सकते हैं।”
बैठक में दोनों पक्षों ने संभावित परियोजनाओं और कार्यक्रमों पर विचार किया, जिनसे कृषि क्षेत्र में स्थिरता और वृद्धि सुनिश्चित की जा सके। जलवायु परिवर्तन और कृषि के क्षेत्र में डिजिटल तकनीकी नवाचार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी बातचीत हुई।
ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच कृषि क्षेत्र में साझेदारी लंबे समय से मजबूत रही है। यह बैठक दोनों देशों के कृषि विकास में एक नई दिशा देने की संभावना रखती है। सचिव डॉ. चतुर्वेदी ने इस सहयोग को बढ़ावा देने के लिए और अधिक द्विपक्षीय बातचीत की आवश्यकता पर जोर दिया।
बैठक के अंत में, दोनों पक्षों ने आपसी सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने के लिए कई आगामी योजनाओं और पहल पर काम करने का संकल्प लिया।
नई दिल्ली 16 नवम्बर 2024। ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने कल नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी से शिष्टाचार भेंट की। इस बैठक के माध्यम से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने तथा कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग के नए अवसरों को तलाशने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया।
बैठक के दौरान, डॉ. चतुर्वेदी ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच दीर्घकालिक और बहुआयामी साझेदारी के महत्व का उल्लेख किया, जिसमें कृषि क्षेत्र पर विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कृषि में भारत की वर्तमान प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए इस बात पर बल दिया कि सरकार न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और आबादी के लिए पोषण सुरक्षा में सुधार करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
डॉ. चतुर्वेदी ने भारत की कृषि रणनीति के महत्वपूर्ण घटकों के रूप में फसल विविधीकरण, निर्यात को बढ़ावा देने, तिलहन और दलहन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को मजबूत बनाने जैसी प्रमुख पहलों की जानकारी दी। उन्होंने इस क्षेत्र के आधुनिकीकरण में सटीक कृषि, डिजिटल कृषि मिशन और छोटे खेतों के मशीनीकरण सहित तकनीकी प्रगति के महत्व पर भी बल दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कृषि में नवाचार और परिवर्तन को आगे बढ़ाने में स्टार्टअप की बढ़ती भूमिका को स्वीकार किया।
श्री ग्रीन ने भी ऑस्ट्रेलिया की प्राथमिकताओं में कृषि के महत्व और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कृषि प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अवसरों को तलाशने के प्रति गहरी रुचि दिखाते हुए इन उद्देश्यों को आगे बढ़ाने के लिए व्यापार संबंधों को मजबूत बनाने के महत्व पर जोर दिया। श्री ग्रीन ने व्यापार और सहयोग के लिए नए अवसरों की पहचान करने और उन्हें खोलने के लिए निरंतर जुड़ाव की आवश्यकता पर भी बल दिया।
दोनों पक्षों ने कृषि-तकनीक, बागवानी, डिजिटल कृषि और कृषि मशीनरी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के महत्व पर सहमति जताई। इस बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, आईसीएआर के प्रतिनिधियों तथा विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने भी चर्चा में सहभागिता करते हुए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।