कोचिंग क्षेत्र

joharcg.com केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण
उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सीसीपीए मुख्य आयुक्त और उपभोक्ता मामले विभाग सचिव, निधि खरे ने आज नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश, 2024, का उद्देश्य छात्रों और आम जनता को कोचिंग केंद्रों द्वारा आमतौर पर अपनाए जाने वाले भ्रामक विपणन तौर-तरीकों से बचाना है।

कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापन रोकथाम के लिए दिशा-निर्देशों पर तत्कालीन सीसीपीए मुख्य आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी और उसमें केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, शिक्षा मंत्रालय, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में), राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) दिल्ली, विधि फर्म और उद्योग हितधारकों जैसे संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे।

सीसीपीए द्वारा कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापन रोकथाम के लिए दिशानिर्देश लाने की आवश्यकता पर समिति के सदस्यों में आम सहमति बनी थी। समिति ने पर्याप्त विचार-विमर्श के बाद अपने सुझाव प्रस्तुत किए और उनके आधार पर सीसीपीए ने 16 फरवरी 2024 को मसौदा दिशानिर्देश सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए रखे। शिक्षा मंत्रालय, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), एएलएलईएन करियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड, इंडिया एडटेक कंसोर्टियम और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई), एफआईआईटीजेईई, करियर 360 कोचिंग प्लेटफॉर्म, चिर्रावुरी रिसर्च फाउंडेशन फॉर ह्यूमन एंड ग्लोबल रिफॉर्म्स, सिविक इनोवेशन फाउंडेशन, वाधवानी फाउंडेशन और कंज्यूमर एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर (सीईआरसी) सहित 28 विभिन्न हितधारकों ने सार्वजनिक सुझाव भेजे थे।