डिजिटल समावेशन

joharcg.com पंचायती राज संस्थाएं नागरिक-केंद्रित सेवाएं देने में अग्रणी
नई दिल्ली 13 नवम्बर 2024। राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस वेबिनार श्रृंखला (एनईजीडब्ल्यू 2023-24) के अंतर्गत 11 नवंबर 2024 को “पंचायती राज संस्थाओं द्वारा प्रदत्त नागरिक-केंद्रित सेवाएँ” विषय पर विशेष वेबिनार आयोजित किया गया। पंचायती राज मंत्रालय और प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने संयुक्त रूप से इसका आयोजन किया। यह वेबिनार ग्रामीण भारत में सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजिटल उपायों से होने वाले परिवर्तनों के प्रभाव पर चर्चा करने का एक महत्वपूर्ण मंच बना।

इसमें ग्रामीण समुदायों के लिए समावेशी, सुलभ और नागरिक केंद्रित शासन का मॉडल बनाने पर विशेष जोर दिया गया। वेबिनार में देश भर से ग्राम पंचायतों और पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों की व्यापक भागीदारी देखी गई।

पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने अपने संबोधन में ग्रामीण सेवा प्रदान करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में डिजिटल सुविधाओं को आपस में जोड़े जाने की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि मंत्रालय की प्रतिबद्धता अलग-अलग पोर्टलों को आपस में जोड़कर पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) को सशक्त बनाने में है। इस तरीके से ग्रामीण नागरिकों के लिए आवश्यक सेवाओं तक पहुँच को आसान बनाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न सेवा वितरण पोर्टलों को एक साथ जोड़ कर पंचायती राज संस्थाएं उन तक लोगों की पहुँच को सरल बना सकती हैं,  कार्यकुशलता बढ़ा सकती हैं और ग्रामीण शासन के आधुनिक तथा उत्तरदायी ढांचे को प्रोत्साहन दे सकती हैं। श्री भारद्वाज ने इस प्रयास को मंत्रालय के समावेशी और सतत ग्रामीण विकास के व्यापक दृष्टिकोण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

विशेष वेबिनार के प्रारंभिक वक्तव्य में प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव वी. श्रीनिवास ने पंचायती राज प्रणाली की नींव के रूप में नागरिक-केंद्रित शासन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ग्रामीण जनसंख्या तक आवश्यक सेवाएँ उपलब्ध कराने में पंचायती राज संस्थाओं की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की और कर्नाटक के पंचमित्र, गुजरात के ईसेवा

और केरल के आईएलजीएमएस सहित राज्यों की ओर से की गई पहलों को प्रभावी डिजिटल शासन के लिए मानक बताया। उन्होंने कहा कि इन मॉडल से पता चलता है कि पंचायती राज संस्थाएं किस तरह से पारदर्शिता, सेवाओं तक नागरिकों की पहुँच और उनके लिए सीधी सेवा की सुविधाएं बढ़ा सकती हैं, जो ग्रामीण भारत में डिजिटल शासन के लिए नमूने के रूप में काम करेगी।

श्रम सचिव ने मंत्रालय के भविष्य की योजनाओं की समीक्षा की
नई दिल्ली 13 नवम्बर 2024। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने आज नई दिल्ली में मंत्रालय और इसके संबद्ध/अधीनस्थ/स्वायत्त कार्यालयों के मुद्दों, कार्यक्रमों, योजनाओं और भविष्य की योजना की समीक्षा करने के लिए हाइब्रिड मोड में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले संस्थानों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया।

बैठक में बजटीय आवंटन, मंत्रालय की योजनाओं एवं पोर्टलों का थर्ड पार्टी मूल्यांकन, रोजगार सृजन, सामाजिक सुरक्षा और भविष्य के काम से संबंधित मुद्दों की समीक्षा पर ध्यान केंद्रित किया गया। श्रम एवं रोजगार सचिव ने रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना शुरू करने की तैयारियों की भी समीक्षा की।
बैठक के दौरान, श्रीमती डावरा ने कहा कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए एक आईएसएसए तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन 20-21 जनवरी, 2025 को

नई दिल्ली में ईएसआईसी के सहयोग से किया जाएगा, जिसका विषय “अनौपचारिक क्षेत्र में श्रमिकों के लिए औपचारिकीकरण एवं सामाजिक सुरक्षा कवरेज: चुनौतियां और नवाचार” है। इस संगोष्ठी में एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लगभग 50 संगठनों के साथ-साथ घरेलू प्रतिभागियों, उद्योग निकायों/ संघों/ नियोक्ता संघों, श्रमिक संघों, राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों, एग्रीगेटरों आदि शामिल होने की उम्मीद है।

संगोष्ठी श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अनुभवों एवं प्रथाओं को साझा करने, उभरती प्रौद्योगिकी की भूमिका, एक अनुकूल नीति और कानूनी वातावरण को संरेखित करने जैसे व्यापक विषयों पर केंद्रित होगी। इस आयोजन का उपयोग सामाजिक सुरक्षा के लिए भारत की सर्वोत्तम प्रथाओं, रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन (ईएलआई) की प्रमुख योजना, सामाजिक सुरक्षा का डिजिटल समाधान जैसे ई-श्रम, राष्ट्रीय करियर पोर्टल (एनसीएस) को प्रदर्शित करने के लिए किया जाएगा।