joharcg.com भारत सरकार ने मानसिक रूप से बीमार और विकलांग व्यक्तियों के उत्थान और समर्थन के लिए कई योजनाएँ और कार्यक्रम शुरू किए हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों को सहायता प्रदान करना है ताकि वे समाज में आत्मनिर्भर जीवन जी सकें। विकलांगता चाहे शारीरिक हो या मानसिक, सरकार ने दोनों ही प्रकार की विकलांगताओं को ध्यान में रखते हुए विभिन्न योजनाएँ बनाई हैं, जिससे विकलांग व्यक्तियों को शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा, और सामाजिक सुरक्षा में मदद मिल सके।
मुख्य योजनाएं
- दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (Department of Empowerment of Persons with Disabilities – DEPwD)
इस विभाग का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में समर्थन प्रदान करना है। यह विभाग विशेष रूप से मानसिक और शारीरिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के लिए विभिन्न योजनाएं चलाता है। - स्वावलंबन कार्ड (Unique Disability ID – UDID)
यह योजना विकलांग व्यक्तियों के लिए एक अद्वितीय पहचान पत्र प्रदान करती है, जिससे उन्हें सरकारी लाभों का फायदा उठाने में आसानी होती है। इस कार्ड के माध्यम से लाभार्थियों को चिकित्सा सुविधाएँ, शिक्षा में छूट, और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है। - सुगम्य भारत अभियान (Accessible India Campaign)
इस योजना का उद्देश्य विकलांग व्यक्तियों के लिए भारत को अधिक सुलभ बनाना है। इसका फोकस सरकारी भवनों, परिवहन, और सार्वजनिक स्थानों को विकलांगों के लिए सुलभ बनाना है, जिससे उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े। - मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 (Mental Healthcare Act 2017)
यह अधिनियम मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों के लिए विशेष देखभाल और अधिकार सुनिश्चित करता है। इसके अंतर्गत, मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को बढ़ावा दिया गया है, जिससे मानसिक रूप से बीमार व्यक्तियों को सही समय पर इलाज और देखभाल मिल सके। - दिव्यांग पेंशन योजना
यह योजना विकलांग व्यक्तियों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, खासकर उन लोगों को जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं। इस योजना के तहत विकलांगों को नियमित रूप से मासिक पेंशन दी जाती है, जिससे वे अपनी दैनिक जरूरतों को पूरा कर सकें। - राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (NMHP)
इस कार्यक्रम का उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को देश के सभी हिस्सों में पहुंचाना है। इसके अंतर्गत मानसिक बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों के लिए मुफ्त चिकित्सा सेवाएं, काउंसलिंग, और पुनर्वास केंद्रों की व्यवस्था की गई है।
योजनाओं से मिलने वाले लाभ
- चिकित्सा सुविधा: मानसिक और शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त या रियायती दरों पर चिकित्सा सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं।
- शिक्षा में छूट: विकलांग विद्यार्थियों के लिए स्कूलों और कॉलेजों में फीस में छूट दी जाती है, साथ ही उन्हें विशेष शिक्षण सामग्री भी प्रदान की जाती है।
- आर्थिक सहायता: विकलांग व्यक्तियों को पेंशन, रोजगार में प्राथमिकता, और अन्य आर्थिक सहायता योजनाओं का लाभ मिलता है।
- रोजगार: सरकार विकलांग व्यक्तियों के लिए रोजगार में आरक्षण प्रदान करती है, जिससे वे स्वावलंबी बन सकें।
इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए लाभार्थियों को संबंधित सरकारी पोर्टल या नजदीकी सरकारी कार्यालय में आवेदन करना होता है। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज जैसे विकलांगता प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, और आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। कई योजनाओं में ऑनलाइन आवेदन की सुविधा भी उपलब्ध है।
मानसिक रूप से बीमार और विकलांग व्यक्तियों के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएँ उनके जीवन को बेहतर बनाने में सहायक सिद्ध हो रही हैं। इन योजनाओं का सही तरीके से लाभ उठाकर ये व्यक्ति समाज में एक आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जी सकते हैं। जागरूकता और सही जानकारी के अभाव में अक्सर लोग इन योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं, इसलिए जरूरत है कि इन योजनाओं के बारे में अधिक से अधिक जानकारी फैलाकर जरूरतमंदों तक पहुंचाई जाए।
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (National Urban Livelihoods Mission) ने मानसिक रूप से बीमार और विकलांग व्यक्तियों के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, भारत सरकार ने सामाजिक सुरक्षा गाइड़ जारी की है जिसमें इन व्यक्तियों के लिए विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
इस योजना के अंतर्गत, मानसिक रूप से बीमार और विकलांग व्यक्तियों को नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और अन्य समृद्धि कार्यक्रमों का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, इन व्यक्तियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए उन्हें वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे।
भारत सरकार के इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि समाज के इस वर्ग को सशक्त बनाकर समृद्धि के माध्यम से समाज में उन्हें समाहित और समान दर्जा मिले। इससे न केवल इन व्यक्तियों को आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी, बल्कि समाज का समर्थन और सशक्तीकरण भी होगा।
इस योजना से संबंधित जानकारी इन व्यक्तियों तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन ने विभिन्न परिचय सभाएं और कार्यक्रम आयोजित किए हैं। इसके जरिए इन व्यक्तियों को जानकारी मिलेगी कि वे कैसे इस योजना का लाभ उठा सकते हैं और अपने जीवन को सुधार सकते हैं।
यह योजना वास्तव में एक महत्वपूर्ण कदम है जो समाज में परिवर्तन लाने के लिए विकलांग व्यक्तियों को एक सकारात्मक मंच प्रदान करेगा। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन की इस पहल की सराहना समाज में उत्थान और समृद्धि के माध्यम से समर्थन की जानी चाहिए।