रतन टाटा के निधन

joharcg.com मशहूर उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा के निधन के बाद, पूरा उद्योग जगत गहरे शोक में डूब गया है। उनके निधन की खबर से व्यापार और औद्योगिक जगत की सभी बड़ी हस्तियों ने शोक व्यक्त किया और अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। रतन टाटा, जिन्होंने भारतीय उद्योग में एक अद्वितीय पहचान बनाई, न केवल अपने कार्य के लिए बल्कि अपने मूल्यों और सिद्धांतों के लिए भी जाने जाते थे।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने रतन टाटा के निधन पर गहरा दुख जताया। उन्होंने कहा, “रतन टाटा न केवल उद्योग जगत के स्तंभ थे, बल्कि मेरे लिए एक प्रिय मित्र भी थे। उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से एक अपूरणीय क्षति है। हमने एक ऐसे नेता को खो दिया है, जो केवल व्यवसाय नहीं, बल्कि समाज सेवा और मानवीय मूल्यों में भी विश्वास करता था।”

मुकेश अंबानी के इन शब्दों ने उनके और रतन टाटा के बीच गहरे संबंधों को उजागर किया। दोनों ही उद्योगपति अपने-अपने क्षेत्रों में एक मजबूत पहचान रखते हैं, और एक दूसरे के प्रति सम्मान और मित्रता का भाव उनके बयानों से साफ झलकता है।

रतन टाटा के निधन पर देश और विदेश के कई उद्योगपतियों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा, “रतन टाटा एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे। उनकी सरलता, विनम्रता और दूरदृष्टि से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला।” बिड़ला ने उन्हें एक महान उद्योगपति और एक सच्चे मानवीय सेवक के रूप में याद किया।

महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने भी रतन टाटा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “रतन टाटा ने भारतीय उद्योग को एक नई ऊंचाई दी। उनकी लीडरशिप और विचारशीलता हम सभी के लिए प्रेरणादायक रही है। उनका जाना एक युग का अंत है।”

रतन टाटा के निधन के बाद, उद्योग जगत में एक गहरी शून्यता का अनुभव हो रहा है। उन्होंने जिस तरह से भारतीय उद्योग को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया, वह उनके दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम था। उनके अधीन, टाटा समूह ने न केवल व्यावसायिक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त की, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों की सेवा करने के लिए भी जाना गया।

रतन टाटा: उद्योग और समाज सेवा का संगम

रतन टाटा का जीवन केवल व्यवसाय तक सीमित नहीं था। उनका मानना था कि व्यवसाय समाज की भलाई के लिए होना चाहिए। इसी सोच के तहत, उन्होंने टाटा ट्रस्ट के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, और समाज सेवा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल जगुआर और कोरस जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया, बल्कि समाज सेवा के कार्यों में भी अपनी पहचान बनाई।

एक युग का अंत

रतन टाटा के निधन से न केवल उद्योग जगत को बल्कि पूरे देश को एक गहरी क्षति पहुंची है। उनका जीवन, उनकी उपलब्धियां, और उनका सरल व्यक्तित्व सदैव लोगों के दिलों में बसे रहेंगे। उनके द्वारा स्थापित मानवीय मूल्यों और सिद्धांतों की मिसाल आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेगी।

अंतिम विदाई

रतन टाटा के निधन के बाद, उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां चल रही हैं। उद्योग जगत की कई बड़ी हस्तियां और राजनेता इस मौके पर उनकी अंतिम विदाई में शामिल होने के लिए मुंबई पहुंचेंगे। रतन टाटा का योगदान भारतीय उद्योग और समाज के लिए एक अनमोल धरोहर के रूप में हमेशा याद किया जाएगा।

देश के जाने-माने उद्योगपति और टाटा संस के आजीवन चेयरमैन एमिरेट्स रतन टाटा नहीं रहे। उनका बुधवार रात को 86 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे। उनके पास 30 से ज्यादा कंपनियां थीं। उनके निधन के बाद उद्योग जगत में शोक की लहर है। भारत के दिग्गज कारोबारियों ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

मैंने अपना दोस्त खो दिया: अंबानी
असल में रिलायंस के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने रतन टाटा को भारत के सबसे प्रतिष्ठित और परोपकारी बेटों में से एक बताया। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा, ‘यह भारत और भारतीय उद्योग जगत के लिए बहुत दुखद दिन है। रतन टाटा का निधन न केवल टाटा समूह के लिए बल्कि प्रत्येक भारतीय के लिए बड़ी क्षति है। व्यक्तिगत स्तर पर रतन टाटा के निधन से मुझे बहुत दुख हुआ है क्योंकि मैंने एक प्रिय मित्र खो दिया है।’

टाटा को भारत को बेहतर बनाने की गहरी चिंता थी: सुंदर पिचाई
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कहा, ‘रतन टाटा के साथ गूगल में मेरी आखिरी मुलाकात हुई थी। यहां हमने वेमो की प्रगति के बारे में बात की और उनका विजन सुनना प्रेरणादायक था। वे एक असाधारण व्यवसाय और परोपकारी विरासत छोड़ गए हैं और भारत में आधुनिक व्यावसायिक नेतृत्व को मार्गदर्शन और विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्हें भारत को बेहतर बनाने की गहरी चिंता थी। उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना और श्री रतन टाटा जी को शांति मिले।’

टाटा सिर्फ एक कारोबारी नेता नहीं थे : अदाणी
वहीं अरबपति गौतम अदाणी ने कहा, ‘भारत ने एक दिग्गज, एक दूरदर्शी व्यक्ति को खो दिया, जिन्होंने आधुनिक भारत के मार्ग को फिर से परिभाषित किया। रतन टाटा सिर्फ एक कारोबारी नेता नहीं थे, उन्होंने ईमानदारी, करुणा और व्यापक भलाई के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता के साथ भारत की भावना को मूर्त रूप दिया। उनके जैसे दिग्गज अमर रहते हैं।ओम शांति।’

आपको भुलाया नहीं जाएगा: आनंद महिंद्रा
उद्योग जगत के एक अन्य दिग्गज आनंद महिंद्रा ने भी टाटा के निधन पर शोक प्रकट किया। उन्होंने कहा कि आज भारत की अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक छलांग लगाने के कगार पर खड़ी है। इस स्थिति में आने में रतन का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे रतन टाटा की अनुपस्थिति स्वीकार करने में कठिनाई हो रही है। भारत की अर्थव्यवस्था ऐतिहासिक प्रगति के कगार पर खड़ी है और इस मुकाम तक पहुंचने में रतन टाटा के जीवन और कार्यों का बहुत बड़ा योगदान है।

इस समय, उनका मार्गदर्शन और परामर्श अमूल्य होता। लेकिन उनके जाने के बाद, अब हमारा कर्तव्य है कि हम उनके आदर्शों का अनुसरण करें। क्योंकि वे ऐसे व्यवसायी थे जिनके लिए वित्तीय समृद्धि और सफलता का सबसे बड़ा उपयोग वैश्विक समुदाय की सेवा में होता था। अलविदा।आपको भुलाया नहीं जाएगा, क्योंकि लेजेंड्स अमर होते हैं।’

घड़ी की सुई थम गई: गोयनका
आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने एक्स पर कहा, ‘घड़ी की सुई थम गई है। टाइटन अब नहीं रहे। रतन टाटा नैतिक नेतृत्व, ईमानदारी और परोपकार का एक प्रतीक थे, जिन्होंने व्यापार जगत और उससे परे अपनी अमिट छाप छोड़ी है। वे हमारी यादों में हमेशा रहेंगे। श्रद्धांजलि।’

व्यापार जगत के सबसे बड़े प्रतीक थे टाटा: मजूमदार
बायोकॉन लिमिटेड की एग्जीक्यूटिव चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ ने कहा, ‘यह सबसे दुखद समाचार है। वह व्यापार जगत के सबसे बड़े प्रतीक थे। मुझे उनका साथ पाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। कितने महान व्यक्ति और अद्भुत सोच के धनी थे। ओम शांति।’

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