joharcg.com नक्सलवाद के बढ़ते खतरे के बीच, मुख्यमंत्री ने एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई, जो देर रात तक चली। इस बैठक का उद्देश्य हाल ही में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे एंटी नक्सल ऑपरेशन की समीक्षा करना और आगामी सुरक्षा रणनीतियों पर चर्चा करना था। बैठक में राज्य के उच्च अधिकारियों, सुरक्षा बलों के प्रमुखों और इंटेलिजेंस एजेंसियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
मुख्यमंत्री ने एंटी नक्सल ऑपरेशन की अब तक की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया, लेकिन साथ ही आने वाले दिनों में और सतर्कता बरतने की आवश्यकता पर जोर दिया। हाल ही में नक्सलियों के खिलाफ हुई मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों ने कई महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है, जिसमें नक्सलियों की गिरफ्तारी और हथियारों की बरामदगी शामिल है। मुख्यमंत्री ने इस सफलता को राज्य के सुरक्षा बलों की मेहनत और समर्पण का परिणाम बताया।
बैठक में यह भी चर्चा की गई कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा कैसे और मजबूत की जा सकती है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशनों में किसी भी तरह की ढिलाई न बरती जाए और हर हाल में नक्सल गतिविधियों पर नियंत्रण किया जाए। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में सतर्कता बढ़ाने के साथ-साथ स्थानीय समुदायों के साथ बेहतर तालमेल बनाना भी जरूरी है, ताकि नक्सलियों के खिलाफ खुफिया जानकारी मिलती रहे।
बैठक के दौरान सुरक्षा बलों के प्रमुखों ने अपनी तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को और तेज़ किया जा रहा है, और इसके लिए विशेष दस्तों को तैनात किया गया है। आधुनिक हथियारों और तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि नक्सलियों को रोकने में अधिक कारगर साबित हो सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को भी प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि नक्सलियों के खिलाफ केवल हथियारों से नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक सुधारों के जरिए भी लड़ाई लड़ी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि स्थानीय युवाओं को शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर दिए जाने चाहिए ताकि वे नक्सली गतिविधियों से दूर रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में जनता के साथ संवाद बढ़ाने और उनकी समस्याओं का समाधान करने पर ध्यान दिया जाए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि नक्सली क्षेत्रों में संचार सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
मुख्यमंत्री की इस उच्च-स्तरीय बैठक के बाद, यह साफ है कि राज्य सरकार नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। सुरक्षा बलों की सख्ती और सरकार की विकास योजनाएं मिलकर नक्सलियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में महत्वपूर्ण साबित हो सकती हैं।
रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज देर रात यहां अपने निवास कार्यालय में नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिलों की सीमा पर अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और माओवादी आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ की घटना को लेकर उच्च-स्तरीय बैठक ली। बैठक में पुलिस महानिदेशक और मुख्यमंत्री सचिवालय के वरीष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी ली और माओवादी आतंकियों के विरुद्ध सफल ऑपेरशन पर सुरक्षाबलों के शौर्य तथा अदम्य साहस की सराहना करते हुए बड़ी कामयाबी के लिए उन्हें बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान सुरक्षाबलों के जवानों का कुशल-क्षेम भी पूछा। उन्होंने पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया कि छत्तीसगढ़ में माओवादी आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में कोई ढिलाई ना बरती जाए। साथ ही नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में जवानों के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था में कमी ना हो।
मुख्यमंत्री श्री साय को इस दौरान पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि उक्त ऑपेरशन में अभी तक की सर्चिंग में 28 से ज्यादा माओवादियों के मारे जाने की सूचना मिली है। माओवादियों के खिलाफ ये देश का अब तक का सबसे सफल ऑपेरशन होगा। मुख्यमंत्री को बताया गया कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के सफाया के लिए एंटी नक्सल अभियान लगातार जारी है। सुरक्षाबलों के जवानों द्वारा माओवादियों का पूरे साहस के साथ डटकर मुकाबला किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा कि छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने हमारी सरकार दृढ़ संकल्पित है। आज बीजापुर में मैंने पुलिस जवानों और माओवादी आतंकवाद प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन सभी को अब यह विश्वास हो गया है कि इस हिंसा का अंत होने वाला है। बस्तर आज विकास और शांति की ओर तेजी से अग्रसर है। सरकार के कार्यों से बस्तर की जनता में नई आस जगी है। जनता में विश्वास बढ़ा है कि जल्द ही छत्तीसगढ़ माओवादी आतंकवाद से मुक्त होगा।