joharcg.com अलवर. राजस्थान के एक वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर में घायल अजगर की सफल सर्जरी की गई है। इस सर्जरी के दौरान डॉक्टरों ने अजगर के शरीर पर चार टांके लगाए। यह घटना वन्यजीव प्रेमियों और चिकित्सकों के बीच चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि अजगर पर इस तरह की सर्जरी एक दुर्लभ और चुनौतीपूर्ण कार्य था।
यह अजगर जंगल में एक शिकार के दौरान घायल हो गया था। उसे गंभीर चोट आई, जिसके कारण उसकी त्वचा फट गई थी। वन विभाग की टीम ने इस घायल अजगर को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया और वन्यजीव चिकित्सकों के पास लेकर गए।
अजगर की स्थिति गंभीर होने के कारण तुरंत सर्जरी का फैसला किया गया। वन्यजीव चिकित्सक डॉ. राजीव शर्मा और उनकी टीम ने सर्जरी की जिम्मेदारी संभाली। सर्जरी के दौरान उन्होंने अजगर की फटी हुई त्वचा को ठीक करने के लिए चार टांके लगाए। सर्जरी पूरी होने के बाद अजगर की स्थिति स्थिर बताई जा रही है, और उसे कुछ दिनों के लिए डॉक्टरों की देखरेख में रखा जाएगा।
डॉ. शर्मा ने कहा, “अजगर की सर्जरी करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था, क्योंकि सांपों की त्वचा बहुत संवेदनशील होती है और हमें अत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी। टांके लगाने के बाद हम आश्वस्त हैं कि अजगर जल्दी ठीक हो जाएगा।”
अजगर की सर्जरी सफल होने के बाद वन विभाग ने डॉक्टरों की टीम की सराहना की और इसे एक अनूठी उपलब्धि बताया। वन्यजीव संरक्षण में ऐसे प्रयास वन्यजीवों की सुरक्षा और उनके पुनर्वास के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
इस घटना के बाद वन्यजीव प्रेमियों में उत्सुकता बढ़ी है। सोशल मीडिया पर लोग डॉक्टरों और वन विभाग की इस अद्वितीय सर्जरी के लिए तारीफ कर रहे हैं। अजगर की सर्जरी को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, और लोग वन्यजीवों की देखभाल के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
अजगर की सर्जरी एक उदाहरण है कि किस तरह वन्यजीवों की देखभाल और संरक्षण के लिए चिकित्सा विज्ञान भी योगदान दे सकता है। डॉक्टरों और वन विभाग की टीम के प्रयासों ने एक और वन्यजीव को नया जीवन दिया है, और यह घटना वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का कार्य कर रही है।
अलवर. राजस्थान के अलवर में एक अजगर की सर्जरी हुई फिर उसे जंगल में छोड़ दिया गया. बताया जा रहा है कि अलवर-जयपुर मार्ग पर सड़क पार करते समय अजगर किसी गाड़ी के नीचे आकर घायल हो गया था. जिसके बाद कुछ युवाओं उसे सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां अजगर की सर्जरी की गई और उसके चेहरे पर चार टांके लगाए गए. इसके बाद अजगर को वन विभाग की मदद से उसे जंगल में छोड़ दिया गया.
जानकारी के मुताबिक वन्य जीव प्रेमी युवा जयपुर मार्ग से अलवर आ रहे थे. तभी रास्ते में उन्हें भीड़ दिखाई दी. युवाओं ने अपनी गाड़ी रोकी और देखा कि एक अजगर घायल अवस्था में पड़ा है. तुंरत ही उन्होंने उसे उठाया और अलवर के भवानी टॉप स्थित पशु चिकित्सालय लेकर पहुंचे. साथ ही वन विभाग को इसकी जानकारी दी. अस्पताल के डॉक्टर अनुज तोमर व डॉक्टर मनिंदर सिंह ने अजगर की सर्जरी की. अजगर के घाव में दवा के साथ चार टांके लगाए.