joharcg.com मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्रामीण क्षेत्रों में “स्वच्छता ही सेवा अभियान” की बड़ी सफलता पर जोर दिया है। उनका कहना है कि स्वच्छ भारत मिशन ने स्वच्छता के क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े जन-आंदोलन को जन्म दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस मिशन के तहत ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना एक प्रमुख उपलब्धि रही है। मध्यप्रदेश ने इस दिशा में कई विशेष उपलब्धियाँ हासिल की हैं। प्रदेश में 70 लाख से अधिक शौचालयों का निर्माण कर संपूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है। मिशन के दूसरे चरण में प्रत्येक ग्राम की ओडीएफ स्थिति को निरंतर बनाए रखते हुए ठोस एवं तरल अपशिष्ट का निपटान भी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 155वीं जयंती और स्वच्छ भारत मिशन की 10वीं वर्षगांठ पर “स्वच्छता ही सेवा” अभियान पखवाड़ा 17 सितंबर से प्रारंभ किया गया, जो 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर समाप्त होगा। इस अभियान में जन-भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए राज्यपाल मंगुभाई पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, और अन्य जन-प्रतिनिधि सक्रिय रूप से शामिल हुए। राज्य के सभी मंत्रियों, सांसदों, और विधायकों ने भी अपने क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया।
अभियान में किए गए कई उल्लेखनीय कार्य और नवाचार
स्वच्छता ही सेवा अभियान के दौरान, स्वच्छता शपथ, स्वच्छता चौपाल, रैली, श्रमदान, स्वच्छता संवाद, और प्रतियोगिताओं जैसी कई गतिविधियों का आयोजन किया गया। इनमें 40 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया। इस अभियान में 19,742 स्थानों को स्वच्छता लक्षित इकाइयों के रूप में चिन्हित कर उन्हें स्वच्छ स्थलों में परिवर्तित किया गया, जिससे 10,681 टन कचरे का सुरक्षित निपटान हुआ। 333 टन से अधिक प्लास्टिक कचरे का संग्रहण और निपटान भी किया गया है।
स्वच्छता ही सेवा अभियान का एक महत्वपूर्ण पहलू यह रहा कि सफाई कर्मियों और सफाई मित्रों के योगदान को मान्यता दी गई। उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए 1,549 सफाई मित्र सुरक्षा शिविरों का आयोजन किया गया, जिसमें 42,466 सफाई मित्रों का स्वास्थ्य परीक्षण और 24,655 को सुरक्षा उपकरण और पीपीई किट वितरित किए गए।
नर्मदा नदी के किनारे बसे 884 ग्रामों में स्वच्छता कार्यों को प्राथमिकता दी गई है। इनमें से 776 ग्राम और 117 पर्यटन महत्व वाले ग्राम ओडीएफ प्लस मॉडल घोषित हो चुके हैं। आगे की योजना के तहत, 2 अक्टूबर को प्रदेश के सभी ग्रामों में विशेष ग्राम सभाओं का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्वच्छता पखवाड़े की उपलब्धियों को साझा किया जाएगा और स्वच्छता परिसंपत्तियों का शिलान्यास और कचरा वाहनों का लोकार्पण किया जाएगा।
“स्वच्छता ही सेवा अभियान” ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के महत्व को जन-जन तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और इसे एक सफल जन-आंदोलन के रूप में स्थापित किया है।