रायपुर – छत्तीसगढ़ की धार्मिक नगरी राजिम में 9 फरवरी को नवनिर्वाचित पंच-सरपंचों के सम्मेलन में धर्मस्व मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि प्रदेश में पंचायतीराज को मजबूती प्रदान करने में नवनिर्वाचित पंच-सरपंच अपनी अहम भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि अपने कृतित्व से पंच परमेश्वर की पुरातन परम्परा को गांव में फिर से स्थापित करें। प्रभारी मंत्री श्री साहू ने गांव में कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने और युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के साथ ही गांव के विकास हेतु पंच-सरपंच को आवश्यक सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो, साथ ही प्राथमिकता के क्रम पर समाज के अंतिम व्यक्ति को पहले लाभान्वित किया जाए। श्री साहू ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि यह सुनिश्चित करे कि गांवों में भी छत्तीसगढ़िया संस्कृति की झलक दिखे। उन्होंने नवनिर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को उनके निर्वाचित होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम के अध्यक्ष विधायक श्री अमितेश शुक्ल ने पंचायतीराज के संबंध में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को रेखांकित करते हुए पंचायत प्रतिनिधियों को गांव को स्वावलंबी बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि समाज के अंतिम व्यक्ति को शासन की योजनाओं से लाभान्वित करना प्रत्येक पंचायत प्रतिनिधियों का दायित्व है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों की समस्याओं के समाधान हेतु हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया। रायपुर संभाग के संभागायुक्त श्री जी.आर. चुरेन्द्र ने सम्मेलन आयोजन के उद्देश्यों से अवगत कराते हुए सशक्त पंचायत और गांव के आर्थिक स्तर को ऊंचा उठाने मिलजुलकर काम करने की समझाईश दी। उन्होंने 11 फरवरी के पंच-सरपंच सम्मेलन को ग्राम सुराज तिहार के रूप में मनाने तथा सरकार की महात्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी को गांव में बेहतर ढंग से क्रियान्वयन कराने पर जोर दिया।
कलेक्टर श्री श्याम धावड़े ने नवनिर्वाचित पंच-सरपंचों को अपनी शुभाकामनाएं देते हुए जिले में एनजीटी के प्रावधान, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक व नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी योजना के बेहतर क्रियान्वयन की अपेक्षा की। सम्मेलन के दौरान मुख्य अतिथि श्री साहू ने एन.आर.एल.एम बिहान योजना के तहत फिंगेश्वर विकासखण्ड के चार महिला समूह को दो-दो लाख रूपये का चेक और तीन समूह को बैंक पासबुक का वितरण किया।