joharcg.com उज्जैन में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण शिप्रा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने और नदी के पास से दूर रहने की सलाह दी है। यह बारिश ना सिर्फ उज्जैन, बल्कि आसपास के इलाकों को भी प्रभावित कर रही है, जिससे जनजीवन पर इसका व्यापक असर देखा जा रहा है।
उज्जैन में पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिससे जलभराव की समस्या गंभीर हो गई है। इस बारिश ने शिप्रा नदी को अपने चरम पर पहुंचा दिया है। नदी के पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, और कई जगहों पर पानी आसपास के निचले इलाकों में भी घुसने लगा है।
स्थानीय प्रशासन ने नदी के किनारे के इलाकों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने की अपील की है। जलस्तर बढ़ने के कारण प्रशासन को कई क्षेत्रों में निगरानी टीमों को तैनात करना पड़ा है ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
प्रशासन ने बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रखी है। राहत और बचाव कार्य के लिए टीमें तैयार हैं, और कुछ निचले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम भी शुरू किया गया है। शिप्रा नदी के किनारे बसे मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों पर भी विशेष नजर रखी जा रही है, क्योंकि वहां लोगों का आना-जाना रहता है।
प्रशासन ने चेतावनी दी है कि अगर बारिश इसी तरह जारी रही, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। इसलिए लोगों को सर्तक रहना और प्रशासन के निर्देशों का पालन करना बहुत जरूरी है।
शिप्रा नदी के किनारे रहने वाले लोगों में इस जलस्तर वृद्धि को लेकर गहरी चिंता है। कई निवासियों ने कहा कि इस समय बारिश ने उनके रोजमर्रा के जीवन को प्रभावित कर दिया है। नदी के किनारे के खेतों और छोटे व्यवसायों को भी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। लोग प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं और अपनी सुरक्षा के लिए उचित कदम उठा रहे हैं। कई इलाकों में लोग अपने घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं, और सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं।
शिप्रा नदी का उज्जैन के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व से गहरा संबंध है। महाकालेश्वर मंदिर में आने वाले श्रद्धालु अक्सर शिप्रा नदी में स्नान करते हैं, लेकिन वर्तमान हालात में यह संभव नहीं है। धार्मिक अनुष्ठानों पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है। नदी के बढ़ते जलस्तर ने धार्मिक स्थलों को भी असुरक्षित कर दिया है, जिसके चलते कई धार्मिक आयोजनों को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा है।
उज्जैन में हो रही लगातार बारिश ने शिप्रा नदी के जलस्तर को खतरनाक स्तर तक पहुंचा दिया है। प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि स्थिति पर काबू पाया जाए, लेकिन स्थानीय निवासियों को सावधानी बरतने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है। यदि बारिश जारी रहती है, तो आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ सकती है।
उज्जैन: मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण शनिवार को शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ गया। नदी का पानी बारिश के कारण कई मंदिरों में घुस गया है, जिससे श्रद्धालु मुश्किल में हैं। श्राद्ध पक्ष के दौरान बहुत से लोग यहां पिण्डदान करने आते हैं, लेकिन इस बारिश के कारण नदी के किनारे बैठकर तर्पण करना पड़ रहा है।
एक मंदिर के पंडित ने बताया कि रामघाट डूब गया है और लोगों की सुरक्षा के लिए होमगार्ड के जवान मौजूद हैं। उन्होंने कहा, “कल से लगातार बारिश हो रही है और यहां भीड़ है, लेकिन हम लोगों की सुरक्षा को पहले रखेंगे।” शुक्रवार को भारी बारिश के कारण दीवार गिरने से उज्जैन में दो लोगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। घटना के बाद स्थानीय अधिकारी और टीमें तत्काल बचाव अभियान में जुट गईं।
कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जानकारी देते हुए कहा, “एक दीवार गिरने से चार लोगों की मौत हो गई है, जिसमें दो व्यक्तियों की मौत हो गई है। दो घायलों को इंदौर भेज दिया गया है ताकि उनका उपचार किया जा सके।”
इस तरह की अनेक दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हमें हमेशा सतर्क रहने और सुरक्षित रहने की याद दिलाती हैं। बारिश के समय सुरक्षित स्थानों पर रहें और अपनी सुरक्षा का ख्याल रखें। इस समाचार को साझा करें और सभी को सुरक्षित रहने की जागरूकता फैलाएं।,