मध्यप्रदेश में पेसा कानून का प्रभावी क्रियान्वयन: मंत्री पटेल का संदेश

joharcg.com मध्यप्रदेश में पेसा (पंचायत एंव शहरी प्रशासन) कानून का क्रियान्वयन देश में एक नई दिशा में अग्रसर है। मंत्री श्री पटेल ने हाल ही में इस विषय पर एक संवाददाता सम्मेलन में जानकारी दी कि राज्य ने इस कानून के तहत जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कई प्रभावशाली कदम उठाए हैं। पेसा कानून, जो कि जनजातीय क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन की व्यवस्था को मजबूत करता है, अब स्थानीय लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला रहा है।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल गुरूवार को नई दिल्ली स्थित डॉ. अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र में पेसा अधिनियम पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल हुये। केन्द्रीय पंचायती राज्य एवं मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल सहित कई राज्यों के मंत्री, प्रदेश के अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्री मलय श्रीवास्तव, जनप्रतिनिधि, अधिकारी और एक्टीविस्ट शामिल हुये।

जनजातीय वर्गों के सांस्कृतिक मूल्यों का करे सम्मान

मंत्री पटेल ने बताया कि पेसा कानून के तहत, स्थानीय जनजातीय समुदायों को उनकी प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार दिया गया है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, बल्कि यह उन्हें अपने संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की क्षमता भी प्रदान करता है। इस कानून के लागू होने से जनजातीय लोगों को अपने भूमि, जल, और जंगलों के प्रबंधन में अधिक स्वतंत्रता मिली है। अब तक लगभग 62 हजार 617 राजस्व एवं वन विभाग के खसरे को पेसा कानून के तहत समितियों को सौंपे गये हैं। शांति एवं विवाद निवारण समिति द्वारा 5365 से अधिक मामलों में बिना एफआईआर के बिना आपसी सहमति से विवाद का निपटान किया है, ऐसी 11 हजार 549 समितियाँ बनी है। सहयोगी मातृ समितियों का गठन महिला उत्थान के लिये किया गया है। इन समितियों की संख्या 20 हजार 532 है।

मध्यप्रदेश सरकार ने पेसा कानून के अंतर्गत जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए हैं, जिसके माध्यम से जनजातीय समुदायों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी जा रही है। यह कदम न केवल जनजातीय लोगों के बीच शिक्षा के स्तर को बढ़ाने में मदद कर रहा है, बल्कि उनके आत्म-सम्मान को भी बढ़ा रहा है।

मंत्री श्री पटेल पेसा अधिनियम पर राष्ट्रीय सम्मेलन में हुए शामिल

इसके अलावा, मंत्री पटेल ने यह भी बताया कि राज्य में पेसा कानून के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित किया गया है। इससे सुनिश्चित हो रहा है कि यह कानून केवल कागजों पर न रह जाए, बल्कि वास्तव में जनजातीय समुदायों के विकास का आधार बने।

मंत्री श्री पटेल ने कहा कि गौण खनिज समितियों को अब तक 131 खनिज खदानों की लीज के आवेदन प्राप्त हुये हैं। पेसा कानून के क्षेत्र में प्रशिक्षण गतिविधियां संचालित करने के लिये 16 हजार 803 गांव में जिनमें फलिया, मजरा, टोला शामिल है, प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ है। राज्य में सघन प्रशिक्षण अभियान भी आयोजित किए गए। पेसा कानून की जागरूकता के लिए प्रशिक्षण आयोजित करने मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद प्रशिक्षण में सहयोगी संस्था है। राज्य स्तरीय 100, जिला स्तरीय 800 एवं जनपद स्तरीय 35 हजार से अधिक प्रतिभागियों का प्रशिक्षित किया जा चुका है।

पेसा कानून के माध्यम से मध्यप्रदेश ने यह सिद्ध कर दिया है कि स्थानीय स्वशासन की सही भावना के साथ कार्य करने पर सामाजिक और आर्थिक विकास संभव है। राज्य के इस प्रयास की सराहना करते हुए, अन्य राज्यों को भी पेसा कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए।

इस प्रकार, मध्यप्रदेश का यह प्रयास न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जनजातीय विकास के एक नए मानक के रूप में देखा जा रहा है।

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