joharcg.com धान खरीदी और कस्टम मिलिंग को लेकर 30 सितंबर को एक अहम बैठक का आयोजन होने जा रहा है। इस बैठक में मंत्रिमंडलीय उपसमिति द्वारा धान खरीदी की प्रक्रिया, मिलिंग के मानदंडों, और किसानों के हितों से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा की जाएगी। सरकार का उद्देश्य है कि आगामी फसल सत्र में धान खरीदी और मिलिंग की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और किसानों के अनुकूल बनाया जा सके।
धान खरीदी वह प्रक्रिया है जिसके तहत सरकार किसानों से सीधे धान की फसल खरीदती है। इसके बाद, कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया शुरू होती है, जहां खरीदे गए धान को मिलों में पॉलिश किया जाता है और उसे चावल में बदला जाता है। यह चावल बाद में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और अन्य सरकारी योजनाओं के तहत वितरित किया जाता है।
धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की यह प्रक्रिया न केवल किसानों के लिए फायदेमंद होती है, बल्कि इससे देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है। सरकार हर साल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान खरीदकर किसानों को उचित मूल्य दिलाने का प्रयास करती है, जिससे उन्हें बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाया जा सके।
इस बार की बैठक में कई महत्वपूर्ण एजेंडा पर चर्चा की जाएगी, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित बिंदु शामिल होंगे:
- धान खरीदी की मात्रा और लक्ष्य: इस साल धान खरीदी का लक्ष्य कितना होना चाहिए, इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा। साथ ही खरीदी के दौरान आने वाली चुनौतियों को भी ध्यान में रखा जाएगा।
- कस्टम मिलिंग का समयबद्ध संचालन: मिलिंग प्रक्रिया को समय पर पूरा करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की योजना बनाई जाएगी, ताकि चावल की आपूर्ति में किसी तरह की देरी न हो।
- किसानों के हितों की सुरक्षा: यह सुनिश्चित किया जाएगा कि धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो और किसानों को उनके धान का उचित मूल्य मिल सके। इसके लिए तकनीकी हस्तक्षेप और निगरानी तंत्र को मजबूत करने पर भी विचार किया जा सकता है।
- भंडारण और वितरण: खरीदे गए धान और चावल के सुरक्षित भंडारण और वितरण के तरीकों पर चर्चा होगी। इसके अलावा, गोदामों में जगह की उपलब्धता और परिवहन की दिक्कतों पर भी ध्यान दिया जाएगा।
धान खरीदी और कस्टम मिलिंग की प्रक्रिया से लाखों किसान जुड़े होते हैं, और यह बैठक उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है। किसान उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार की बैठक में सरकार ऐसी नीतियों पर चर्चा करेगी जो उनके लाभ को सुनिश्चित कर सके। इसके अलावा, बैठक में धान खरीदी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितताओं को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की संभावना है।
कस्टम मिलिंग करने वाले मिलर्स भी इस बैठक से जुड़े रहेंगे। उनके लिए मिलिंग की प्रक्रिया में सुधार, समय पर भुगतान, और तकनीकी चुनौतियों को दूर करने पर सरकार के निर्णय महत्वपूर्ण होंगे। मिलर्स चाहते हैं कि मिलिंग की प्रक्रिया को सरल और सुव्यवस्थित बनाया जाए, ताकि वे बिना किसी बाधा के अपने कार्यों को समय पर पूरा कर सकें।
धान खरीदी और कस्टम मिलिंग से जुड़ी यह बैठक बेहद अहम है। इस बैठक में लिए गए निर्णय आने वाले समय में किसानों, मिलर्स, और सरकारी योजनाओं के लिए दूरगामी प्रभाव डालेंगे। सरकार का यह प्रयास रहेगा कि इस बैठक के माध्यम से धान खरीदी और मिलिंग की प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ और पारदर्शी बनाया जाए, ताकि सभी संबंधित पक्षों को इसका लाभ मिल सके।
रायपुर। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयाल बघेल की अध्यक्षता में 30 सितम्बर को आगामी खरीफ विपणन वर्ष की धान खरीदी एवं कस्टम मिलिंग की नीति की समीक्षा कर सुझाव देने हेतु गठित मंत्रि-मंडलीय उप समिति की बैठक आगमी 30 सितम्बर को आयोजित की जा रही है। बैठक दोपहर 12 बजे से मंत्रालय महानदी भवन स्थित कक्ष क्रमांक एस-2-12 में होगी।
मंत्री-मंडलीय उप समिति की बैठक में कृषि विकास एवं कृषक कल्याण मंत्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, वित्त एवं वाणिज्यिकर मंत्री ओ.पी. चौधरी, बी सूत्रीय कार्यान्वयन मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंक राम वर्मा सदस्य के रूप शामिल होंगे।