joharcg.com रायसेन में एक दुखद घटना के बारे में सुनकर हम सबको दुख हुआ है। थाना कोतवाली के अंतर्गत माना गांव निवासी सितारा बी पति शफीक खान उम्र 38 छाती में दर्द घबराहट की शिकायत होने पर परिजनों ने रात 10 बजे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टर ने उन्हें जनरल वार्ड में भर्ती करके रखा, लेकिन उनकी इलाज में लापरवाही के चलते मौत हो गई।
सितारा बी की मौत के बाद पुलिस अधिकारी तहसीलदार अस्पताल पहुंचे और समझाइश करने की कोशिश की, परिजनों ने डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही और मनमानी का आरोप लगाया। हंगामे के बाद, मामले में महिला सितारा बी की मौत के बाद, डॉक्टरों ने नाटक करके उन्हें भर्ती कर दिया और गलत इलाज किया।
इस दुखद घटना से सामाजिक क्षेत्र में सुरक्षा और इलाज की महत्वपूर्णता को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। यह भी सही है कि डॉक्टरों की इलाज में लापरवाही पर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आने वाले समय में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
आखिरकार, हमें यह आशा है कि इस दुखद घटना से सीख कर समाज में सच्चाई और इंसानियत के मूल्यों को समझने की कोशिश की जाएगी। मामले में दोषी लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए ताकि आने वाले समय में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।,
जिला अस्पताल में उस वक्त तनावपूर्ण स्थिति बन गई जब एक महिला की मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। घटना ने पूरे अस्पताल परिसर में अफरातफरी का माहौल पैदा कर दिया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के चलते महिला की जान चली गई।
मिली जानकारी के अनुसार, मृतक महिला को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया था। परिजनों का कहना है कि जब महिला को अस्पताल पहुंचाया गया, तब उसकी स्थिति इतनी खराब नहीं थी कि उसकी मौत हो जाए। परिजनों के मुताबिक, डॉक्टरों ने समय पर इलाज शुरू नहीं किया और इसी वजह से महिला की हालत और बिगड़ती चली गई।
महिला की मौत के बाद परिजन गुस्से में आ गए और उन्होंने अस्पताल में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। अस्पताल के अंदर और बाहर का माहौल तनावपूर्ण हो गया, और वहां मौजूद अन्य मरीजों और उनके परिजनों में भी दहशत फैल गई। पुलिस को मौके पर बुलाया गया ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
परिजनों का कहना है कि जब महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया, तब डॉक्टर्स ने तुरंत जांच और इलाज शुरू नहीं किया। वे अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाते हैं कि स्टाफ का व्यवहार भी अनप्रोफेशनल था, और जब तक सही इलाज शुरू होता, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। महिला की मौत की खबर मिलते ही परिजनों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि महिला की स्थिति बेहद गंभीर थी और डॉक्टर्स ने अपनी पूरी कोशिश की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। प्रशासन के अनुसार, महिला को पहले से ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं थीं, जिनकी वजह से उसकी हालत बिगड़ती चली गई। उन्होंने इलाज में किसी भी तरह की लापरवाही से इनकार किया और कहा कि पूरे मामले की जांच की जा रही है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और परिजनों से शांति बनाए रखने की अपील की। पुलिस ने कहा कि अगर किसी भी तरह की लापरवाही की बात सामने आती है, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।