मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हाल ही में एक कार्यक्रम में भूतपूर्व सैनिकों का कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता बताते हुए उनके अधिकारों और भलाई के लिए प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि सैनिकों ने देश की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर किया है, इसलिए उनके प्रति हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उनकी जरूरतों का ध्यान रखें।
डॉ. यादव ने कहा, “भूतपूर्व सैनिक हमारे समाज के सच्चे नायक हैं। उनकी सेवाओं को कभी भुलाया नहीं जा सकता। इसलिए, हमारी सरकार उनके कल्याण के लिए कई योजनाएं लागू कर रही है।” उन्होंने यह भी बताया कि सरकार भूतपूर्व सैनिकों के लिए विशेष नौकरी मेलों, स्वास्थ्य शिविरों और कौशल विकास कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है, ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें।
प्रत्येक शहीद सैनिक के परिवार को एक करोड़ अनुग्रह राशि का प्रावधान
मुख्यमंत्री ने उल्लेख किया कि राज्य सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों के लिए पेंशन योजना में भी सुधार किया है। उन्होंने कहा, “हमने सुनिश्चित किया है कि जो भूतपूर्व सैनिक पेंशन के हकदार हैं, उन्हें समय पर और पूरी राशि मिले।” इसके अलावा, उन्होंने वित्तीय सहायता और ऋण योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी, जिससे भूतपूर्व सैनिक अपने व्यवसाय स्थापित कर सकें।
डॉ. यादव ने यह भी कहा कि भूतपूर्व सैनिकों के लिए अलग से हेल्पलाइन सेवा शुरू की जाएगी, जिससे वे अपनी समस्याओं और सवालों के लिए तुरंत सहायता प्राप्त कर सकें। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सेवा से सैनिकों की समस्याओं का समाधान जल्दी हो सकेगा और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।
सैनिकों और उनके परिजन के कल्याण के लिए दी गई अनेक मंजूरियां
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार भूतपूर्व सैनिकों के परिवारों के कल्याण के लिए भी तत्पर है। हम उनके बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं और अन्य आवश्यकताओं का विशेष ध्यान रखेंगे।” उन्होंने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों की सुरक्षा और सम्मान के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी।
इस अवसर पर उपस्थित भूतपूर्व सैनिकों ने मुख्यमंत्री के इस वचन को सराहा और उनके प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने विश्वास जताया कि सरकार उनकी भलाई के लिए गंभीर है और यह पहल निश्चित रूप से उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी।
प्रदेश के स्थापना दिवस पर होगा विशेष आर्मी-शो “नो अवर आर्मी”
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के इस प्रयास से यह स्पष्ट हो गया है कि भूतपूर्व सैनिकों का कल्याण राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उनके इस प्रतिबद्धता ने सैनिकों के बीच एक नई आशा जगाई है, जिससे वे अपने जीवन में आत्मनिर्भरता और सम्मान की अनुभूति कर सकें।
अब इस प्रकार मिलेगी वित्तीय सहायता
- म.प्र. निवासी माता-पिता जिनकी पुत्री सशस्त्र सेना में हैं को 10 हजार रूपए प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 20 हजार रूपए प्रतिवर्ष सम्मान निधि दी जाएगी।
- युद्ध अथवा सैनिक कार्यवाही, आतंकवादी तथा आंतरिक सुरक्षा के दौरान दिव्यांग होने पर 10 लाख रूपए (दिव्यांगता प्रतिशत के आधार पर) बढ़ाकर एक करोड़ रूपए तक किया जाएगा।
- युद्ध अथवा सैनिक कार्यवाही, आतंकवाद तथा आंतरिक सुरक्षा के दौरान शहीद/दिव्यांरग की बहन/बेटी के विवाह के लिए 10 हजार रूपए से बढ़ाकर 51 हजार रूपए किया जाएगा।
- शहीदों के माता-पिता को पाँच हजार रूपए प्रतिमाह अनुदान को बढ़ाकर दस हजार रूपए प्रतिमाह किया जाएगा।