joharcg.com रायपुर टीबी (तपेदिक) उन्मूलन की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। हाल ही में, कलेक्टर ने इस दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए शहर भर में स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम की शुरुआत की है। इसका उद्देश्य रायपुर को टीबी मुक्त बनाना है, और इस अभियान में प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, और आम जनता की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
रायपुर के कलेक्टर ने टीबी उन्मूलन के इस महत्वाकांक्षी अभियान को बढ़ावा देने के लिए खुद पहल की। उन्होंने विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का दौरा कर टीबी से संबंधित जांच और उपचार प्रक्रियाओं का निरीक्षण किया। साथ ही, उन्होंने खुद भी टीबी का चेकअप कराया, ताकि लोगों को इस बीमारी की जांच के प्रति जागरूक किया जा सके। उनका कहना था, “हमारा उद्देश्य सिर्फ बीमारी का इलाज नहीं, बल्कि इसे जड़ से खत्म करना है। रायपुर को जल्द ही टीबी मुक्त शहर के रूप में देखा जाएगा।”
यह अभियान राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का हिस्सा है, जिसका लक्ष्य 2025 तक पूरे देश को टीबी मुक्त बनाना है। रायपुर में इस अभियान को तेज करते हुए कलेक्टर ने स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर शहर भर में व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाया है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे टीबी की जांच करवाएं, खासकर वे लोग जिन्हें लंबे समय से खांसी, बुखार या कमजोरी की शिकायत हो रही हो।
शहर में विभिन्न स्थानों पर स्वास्थ्य जांच शिविर लगाए गए हैं, जहां लोगों को मुफ्त में टीबी की जांच कराई जा रही है। इन शिविरों में जांच के साथ-साथ टीबी के मरीजों को उचित परामर्श और उपचार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। कलेक्टर ने इन शिविरों का दौरा करते हुए स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रेरित किया और उन्हें निर्देश दिया कि वे इस अभियान को सफलता की ओर ले जाने के लिए पूरी मेहनत से काम करें।
टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करती है। इसे जड़ से खत्म करने के लिए टीबी के मरीजों की जल्द पहचान और उचित उपचार बहुत जरूरी है। कलेक्टर ने कहा, “हमें न केवल मरीजों की पहचान करनी होगी, बल्कि उन्हें इलाज के लिए प्रेरित भी करना होगा। टीबी का पूरा इलाज करना बेहद जरूरी है, ताकि इसका फैलाव रोका जा सके।”
स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में काम कर रहा है कि जो लोग टीबी के मरीजों के संपर्क में आए हों, उनकी भी जांच की जाए, ताकि बीमारी को शुरुआती चरण में ही रोका जा सके। इसके अलावा, टीबी से संबंधित भ्रांतियों को दूर करने और लोगों को सही जानकारी देने के लिए भी जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं।
रायपुर प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि टीबी से जूझ रहे मरीजों को न केवल सही इलाज मिले, बल्कि उन्हें पर्याप्त पोषण भी मिले, ताकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके। इसके लिए निक्षय पोषण योजना के तहत मरीजों को आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। इससे मरीजों को पौष्टिक आहार और दवाओं के साथ-साथ रोजमर्रा के खर्चों में भी मदद मिल रही है।
रायपुर को टीबी मुक्त बनाने के लिए प्रशासन ने एक विस्तृत योजना बनाई है। इस योजना में न केवल स्वास्थ्य जांच और उपचार पर जोर दिया गया है, बल्कि टीबी के मरीजों का नियमित फॉलो-अप भी किया जाएगा। इसके अलावा, स्कूली बच्चों, कॉलेज के छात्रों, और कामकाजी लोगों को भी इस अभियान में शामिल करने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
रायपुर जल्द ही टीबी मुक्त शहर बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। कलेक्टर की इस पहल ने न केवल स्वास्थ्य विभाग को सक्रिय किया है, बल्कि आम जनता को भी टीबी के प्रति जागरूक किया है। अगर इस रफ्तार से अभियान चलता रहा, तो रायपुर को जल्द ही टीबी मुक्त शहर घोषित किया जा सकता है।
रायपुर के कलेक्टर गणेश शंकर नेगी ने हाल ही में एक चेकअप करवाया है जिसमें टीबी की जांच की गई है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि रायपुर शहर को टीबी से मुक्त करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं।
टीबी एक ऐसी बीमारी है जो दीर्घकालिक खतरनाक हो सकती है और यह दोस्तों और परिवार के सदस्यों को भी प्रभावित कर सकती है। कलेक्टर गणेश शंकर नेगी ने टीबी की जांच करवाने से केवल अपने लिए ही नहीं बल्कि पूरे शहर के लोगों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य सेवाएं लाभकारी होने के लिए नियमित रूप से जांच करवाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
रायपुर शहर को टीबी से मुक्त करने के लिए सरकार के साथी तंत्र के स्वास्थ्य कर्मियों ने कई कदम उठाए हैं। इसमें शहर के हर व्यक्ति की जांच, उपचार और जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं।
कलेक्टर गणेश शंकर नेगी ने अपने अभियान को सपना बनाने के लिए अपना समर्थन दिया है कि रायपुर एक टीबी मुक्त शहर बने। उन्होंने शहर के लोगों से साझेदारी की अपील की है कि इस महत्वपूर्ण मिशन में सहयोग करें और अपने स्वास्थ्य की देखभाल करें। रायपुर के लोगों को इस अभियान में सक्रियता दिखाने की आवश्यकता है ताकि यह शहर टीबी से पूर्णतः मुक्त हो सके। एक स्वस्थ शहर होना हर व्यक्ति का अधिकार है, और इसे साकार करने के लिए सभी को एक साथ काम करना होगा।