एनीकेट में डूबने से

joharcg.com छत्तीसगढ़ के एक एनीकेट में दो युवकों की डूबने से मौत हो जाने की घटना सामने आई है, जिससे पूरे इलाके में शोक और हैरानी का माहौल है। यह घटना उस समय घटी जब दोनों युवक एनीकेट के पास पानी में मस्ती कर रहे थे। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंच गए और जांच शुरू कर दी गई है।

यह दर्दनाक घटना छत्तीसगढ़ के एक ग्रामीण क्षेत्र में स्थित एनीकेट पर हुई। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, मृतक युवक अपने कुछ दोस्तों के साथ वहां घूमने और पानी में नहाने के लिए गए थे। पानी के बहाव और गहराई का अंदाजा न लगा पाने के कारण दोनों युवक पानी में फंस गए और उन्हें बचाया नहीं जा सका।

दूसरे दोस्तों ने बचाने की कोशिश की, लेकिन गहराई और तेज बहाव के चलते वे असफल रहे। घटना के तुरंत बाद ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन को सूचित किया, जिसके बाद गोताखोरों की टीम को बुलाया गया। घंटों की मशक्कत के बाद युवकों के शव निकाले जा सके।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, यह मामला एक दुर्घटना का है, लेकिन पुलिस सभी एंगल से मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कहीं यह हादसा किसी लापरवाही या जानबूझकर की गई कार्रवाई का नतीजा तो नहीं है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि एनीकेट के आसपास कोई चेतावनी बोर्ड नहीं था, जिससे लोगों को पानी की गहराई और खतरे के बारे में जानकारी मिल सके। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रशासन को अलर्ट रहने और ऐसे खतरनाक इलाकों में सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

मृतक युवकों के परिवारों पर इस घटना से गहरा आघात लगा है। उनके परिवारवालों का रो-रोकर बुरा हाल है, और गांव में शोक का माहौल है। दोनों युवक गांव के जाने-माने और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे, और उनकी मौत से गांव के लोग सदमे में हैं।

गांव के लोगों का कहना है कि एनीकेट के पास इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं, लेकिन कोई पुख्ता सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए हैं। अब लोग प्रशासन से इस घटना के बाद सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

यह घटना प्रशासन की जिम्मेदारियों पर भी सवाल उठाती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि एनीकेट जैसे खतरनाक इलाकों में चेतावनी बोर्ड या सुरक्षा गार्ड नहीं होते, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं। एनीकेट के पानी की गहराई और बहाव को देखते हुए सुरक्षा के उपाय नहीं किए जाने से लोग वहां जाने से नहीं हिचकते, जो अक्सर घातक साबित होता है।

अब प्रशासन पर दबाव है कि वे इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। प्रशासन को न केवल चेतावनी बोर्ड लगाने होंगे, बल्कि नियमित रूप से इन जगहों की निगरानी भी करनी होगी, ताकि लोग वहां सुरक्षित रहें।

यह घटना एक चेतावनी है कि पानी के स्रोतों के पास बिना सुरक्षा के जाना जानलेवा साबित हो सकता है। लोगों को भी एनीकेट और बांधों जैसे इलाकों में जाने से पहले पूरी सतर्कता बरतनी चाहिए और खतरे को समझना चाहिए।

प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे खतरनाक स्थलों पर चेतावनी बोर्ड और सुरक्षा कर्मियों की व्यवस्था करें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। युवाओं को भी पानी में मस्ती करते वक्त अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए और किसी तरह की लापरवाही से बचना चाहिए।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में दो युवक की आयु 22 और 24 साल की थी वे एक अत्यंत दु:खद घटना में जीवन की चालीसी भूमिका सिम्टे गए। इन दोनों प्रयासरत युवकों ने स्विमिंग के लिए एनीकेटर कोट पहुंचकर तीर्थ स्थल में तैराकी करना शुरू की। जिनमें से एक अचानक गहरे पानी में डूब गया। उसके दोस्त ने उसे बचाने की प्रयास किया लेकिन उसकी मदद के दौरान उन्हें भी पानी में फंसा होकर दुश्वार स्थिति का सामना करना पड़ा। उनका जल्दी से स्थानीय जनता ने समय पर लाखिराज किया जिससे उनकी जान बची रही।

कोटादाया थाने के सीओ एस एस थानेदार अशोक यादव ने जानकारी दी कि यह घटना कल सुबह 9 बजे घटित हुई थी। डूबे हुए शव काटंड़ा भवानी हॉस्पिटल भरतपुर में राहत ग्रहण किया गया है। कोटादाया थाने की पुलिस टीम ने एक एफआईआर दर्ज कर मामला लिया है। छत्तीसगढ़ में कोविड संबंधी नियम के अनुसार मंचित होकर मौत के कारण का पता लगाया जा रहा है।

सक्रिय जनसंख्या द्वारा एनीकेट मंदिर में अचानक इतनी जमकर भीड़ उमड़ गई कि वहां के बांध सहित कई साधारण लोग भी जलने की खतरे से घबरा गए थे। अभी तक सड़क द्वारा एनीकेटे मंदिर तक गाड़ी जाना संभव था परन्तु महामारी की अनियमितता में विरोध करने वाली सभी रूट पर जुटे हुए पुलिसकर्मियों ने स्थिति को नियंत्रित करने का कार्य किया।

वयस्क सदस्यों द्वारा सूचना प्राप्त करने पर तूर्त घटनास्थल पहुंच कर उन्हीं ने मृतकों की आखिरी देखभाल उनकी मांग की। उनकी मानसिकता को संवेदनशीलता के साथ सामनाया गया। कई महासदस्यों द्वारा यह कहावत प्रधान हुई कि नगर के युवाओं को ऐसी घटनाएं मंजूर नहीं। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को देखते हुए इस तंत्रप्रतिक्रिया का दर्शन किया जायेगा।

Arun Sao Archives – JoharCG