joharcg.com छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को स्पष्ट करते हुए पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक को निलंबित करने का आदेश दिया है। यह कदम राज्य सरकार की कोशिशों को और मजबूती प्रदान करता है, जो सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा,
“हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संकल्प लिया है। यह निलंबन इस बात का प्रमाण है कि हम किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

सूत्रों के अनुसार, महाप्रबंधक पर कई गंभीर आरोप लगे थे, जिसमें अनियमितताएं और सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले शामिल थे। राज्य सरकार ने इन आरोपों की जांच के बाद निलंबन का निर्णय लिया, ताकि निष्पक्षता से जांच की जा सके।

पाठ्य पुस्तक निगम के निलंबित महाप्रबंधक पर आरोप है कि उन्होंने किताबों की आपूर्ति में गड़बड़ी की और कई अनुबंधों में अनियमितता की। इस प्रकार की घटनाओं ने सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता को प्रभावित किया है, जिससे छात्रों और शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य सरकार ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है, जिससे सभी आरोपों की सही से जांच की जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा,
“हम सुनिश्चित करेंगे कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि ऐसे मामलों में सख्ती से निपटा जा सके।”

भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति ने राज्य में राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा को जन्म दिया है। नागरिकों ने इस कदम का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे सरकारी कामकाज में सुधार होगा।

इस प्रकार, मुख्यमंत्री के इस निलंबन के निर्णय ने स्पष्ट संदेश दिया है कि छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत और प्रभावी स्थिति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। अब यह देखना होगा कि भविष्य में और कौन-कौन से कदम उठाए जाएंगे, ताकि राज्य में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित हो सके।

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