joharcg.com छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग में हाल ही में हुए तबादलों पर बयान देने वाले संघ अध्यक्ष नीलमणि दुबे को निलंबित कर दिया गया है। यह कदम प्रशासन की ओर से उठाया गया है, जिसमें नीलमणि के बयान को अनुशासनहीनता के रूप में देखा गया है।
सूत्रों के अनुसार, नीलमणि दुबे ने तबादलों के संबंध में एक सार्वजनिक मंच पर टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने विभाग के निर्णयों को संदेहास्पद बताते हुए प्रशासन की आलोचना की थी। उनकी इस टिप्पणी के बाद विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित करने का निर्णय लिया।
प्रशासन ने कहा,
“सार्वजनिक मंच पर अनुशासनहीनता और विभाग के फैसलों पर सवाल उठाना स्वीकार्य नहीं है। ऐसे बयानों से विभाग की छवि प्रभावित होती है और इसलिए नीलमणि दुबे का निलंबन आवश्यक था।”
इस निलंबन के बाद, कर्मचारियों और संघ के सदस्यों में विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ ने इसे अनुशासन के उल्लंघन के रूप में स्वीकार किया, जबकि अन्य ने इसे गलत समझा।
संघ के कुछ सदस्यों ने कहा कि यह कार्रवाई न केवल नीलमणि दुबे के लिए अनुचित है, बल्कि यह अन्य कर्मचारियों को भी डराने का प्रयास है। उन्होंने इस निलंबन के खिलाफ उच्च अधिकारियों से अपील की है।
विभाग के सूत्रों ने बताया कि इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने यह स्पष्ट किया है कि सरकारी विभागों में अनुशासन बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस निलंबन के बाद संघ और विभाग के बीच संबंध कैसे विकसित होते हैं।
इस प्रकार, राजस्व विभाग में तबादलों पर बयान देने वाले संघ अध्यक्ष नीलमणि दुबे का निलंबन प्रशासनिक अनुशासन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, और यह दर्शाता है कि सरकारी अधिकारियों को अपने बयानों में सतर्क रहना होगा।
रायपुर। राज्य सरकार ने कनिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी- कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि दुबे को निलंबित कर दिया है। पिछले सप्ताह राजस्व विभाग में हुए बड़े पैमाने पर तबादलों के बाद दुबे मीडिया की सुर्खियों में आए थे। निलंबन के बाद उनके संगठन ने भी उनसे दूरी बना ली है। गौरतलब है कि बीते सप्ताह 100 से अधिक तहसीलदार, नायब तहसीलदार और राजस्व निरीक्षकों का तबादला किया गया था।
इस ट्रांसफर आदेश के बाद दुबे ने मीडिया में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसी बयान के आधार पर राजस्व विभाग ने दुबे को निलंबित करने का निर्णय लिया है। दुबे के निलंबन आदेश में स्पष्ट किया गया है कि उन्होंने तबादलों के संबंध में बिना सरकारी अनुमति के मीडिया में बयान दिए हैं, जो सिविल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन है। निलंबन के दौरान दुबे का मुख्यालय जिला कार्यालय मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी निर्धारित किया गया है।