बोरवेल के पास गड्ढे

joharcg.com एक बालिका जो बोरवेल के पास बने गड्ढे में गिर गई थी, उसे 17 घंटे की कड़ी मेहनत और बचाव कार्य के बाद सुरक्षित निकाल लिया गया है। इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र में तनाव और चिंता का माहौल पैदा कर दिया था। बालिका की सकुशल निकासी से राहत की लहर दौड़ गई है।

यह घटना उस समय घटित हुई जब बालिका अपने घर के पास खेल रही थी। अचानक उसका पैर फिसल गया और वह बोरवेल के पास बने गड्ढे में गिर गई। परिवार के लोग और आस-पड़ोस के लोग तुरंत मदद के लिए जुट गए, लेकिन गड्ढे की गहराई और संकीर्ण आकार के कारण तत्काल निकासी संभव नहीं हो पाई।

जैसे ही घटना की सूचना स्थानीय प्रशासन और आपातकालीन सेवाओं को मिली, एक बड़े बचाव ऑपरेशन की शुरुआत की गई। बचाव टीम ने गड्ढे की दीवारों को मजबूती से खड़ा किया और विशेष उपकरणों का उपयोग करके बालिका को सुरक्षित निकालने के प्रयास किए। यह ऑपरेशन रात भर चलता रहा, जिसमें कई घंटे लगे और पूरी टीम ने अथक प्रयास किया।

17 घंटे के कड़े प्रयासों के बाद, बालिका को आखिरकार गड्ढे से सुरक्षित बाहर निकाला गया। उसकी स्थिति पूरी तरह से स्थिर थी, और उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां उसका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। चिकित्सकों ने पुष्टि की कि बालिका को किसी भी गंभीर चोट या हानि का सामना नहीं करना पड़ा है।

इस घटना के बाद, समुदाय और प्रशासन ने मिलकर राहत की सांस ली। स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य में शामिल सभी लोगों की सराहना की और धन्यवाद दिया। प्रशासन ने भी इस घटना के बारे में जागरूकता फैलाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के उपायों पर ध्यान देने की बात की है।

इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया है कि आपातकालीन परिस्थितियों में तत्परता और सही कदम उठाना कितना महत्वपूर्ण होता है। स्थानीय प्रशासन और बचाव टीम को इस ऑपरेशन की सफलता के लिए सराहा गया है, और उम्मीद की जा रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं के लिए और भी बेहतर तैयारियों की जाएगी।

इस बचाव ऑपरेशन ने यह भी दिखाया कि सामूहिक प्रयास और संजीवनी भावना से किसी भी संकट से उबरा जा सकता है। बालिका की सुरक्षित निकासी से न केवल परिवार और समुदाय को राहत मिली है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण सीख भी है कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में धैर्य और सावधानी का महत्व कितना होता है।

दौसा। राजस्थान के दौसा जिले के बांदीकुई के जोधपुरिया में एक दिल दहला देने वाली घटना के बाद गुरुवार सुबह राहत की सांस ली गई, जब 17 घंटे के संघर्ष के बाद डेढ़ साल की नन्ही बालिका को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। बुधवार शाम को खेलते वक्त नीरू, पुत्री राहुल गुर्जर, बोरवेल के पास एक गड्ढे में गिर गई थी, और पूरे गांव में भय और चिंता का माहौल फैल गया था।

लेकिन एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने अथक प्रयास करते हुए बालिका को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता पाई। घटना बुधवार को शाम 4 बजे की है, जब खेलते समय नीरू बोरवेल के पास बने एक गड्ढे में गिर गई। यह गड्ढा मात्र एक फुट चौड़ा था, और नीरू लगभग 26 फुट नीचे जाकर फंस गई थी। जैसे ही यह खबर फैली, तुरंत ही प्रशासन हरकत में आ गया। अजमेर से एनडीआरएफ की टीम और दौसा से एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया।

चार जेसीबी मशीनों और एलएंडटी मशीन की मदद से बोरवेल के पास एक समानांतर गड्ढा खोदने का काम आरंभ किया गया। इस दौरान, बालिका को निकालने के लिए देसी जुगाड़ों का भी सहारा लिया गया, लेकिन रात भर चली मशक्कत के बाद गुरुवार सुबह 10:10 बजे एनडीआरएफ की टीम ने सुरंग खोदकर बालिका को सकुशल निकाल लिया।

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