joharcg.com कन्नड़ अभिनेता की न्यायिक हिरासत को हाल ही में बढ़ा दिया गया है, जिसके तहत उन्हें उचित नियमों के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। यह निर्णय न्यायालय द्वारा दिया गया है और इसके पीछे कई कानूनी और प्रशासनिक पहलू शामिल हैं।
अभिनेता की न्यायिक हिरासत की अवधि को बढ़ाने का निर्णय न्यायालय ने इस आधार पर लिया है कि मामले की जांच और कानूनी प्रक्रिया अभी भी जारी है। हिरासत की बढ़ती अवधि का मतलब है कि आरोपी को न्यायिक समीक्षा के लिए और अधिक समय मिलेगा और मामले की गहन जांच की जाएगी।
अभिनेता को न्यायिक हिरासत के दौरान उचित सुविधाएं मिलने की बात भी सामने आई है। इन सुविधाओं का पालन निम्नलिखित नियमों के तहत किया जाएगा:
- मानवीय उपचार: हिरासत में रहते हुए, आरोपी को मानवीय और सम्मानजनक उपचार प्राप्त होगा। इसमें उचित भोजन, स्वास्थ्य देखभाल, और अन्य आवश्यक सुविधाएं शामिल हैं।
- कानूनी सहायता: आरोपी को उसकी कानूनी प्रतिनिधि से मिलने का अधिकार होगा, जिससे उसे अपनी रक्षा के लिए उचित कानूनी सलाह प्राप्त हो सके।
- स्वास्थ्य सुविधाएं: अगर आरोपी को किसी भी प्रकार की चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है, तो उसे स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उसकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें पूरी हों।
- सुरक्षा: हिरासत में रहते हुए, आरोपी की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी ताकि कोई भी असुविधा या खतरनाक स्थिति उत्पन्न न हो।
न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान आरोपी को कानूनी अधिकारों का पूरा संरक्षण प्राप्त होता है। इस दौरान, न्यायालय के आदेश और नियमों के तहत आरोपी को सभी आवश्यक सुविधाएं और अधिकार प्रदान किए जाते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि न्यायिक प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो।
इस मामले की मीडिया में व्यापक चर्चा हो रही है और समाज में विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखी जा रही हैं। कुछ लोग न्यायिक प्रक्रिया को सही और पारदर्शी मानते हैं, जबकि अन्य इस निर्णय पर सवाल उठा रहे हैं। इस समय, सभी पक्षों को कानून के अनुसार प्रक्रिया का पालन करना होगा और न्याय के लिए उचित इंतजार करना होगा।
कन्नड़ अभिनेता की न्यायिक हिरासत की अवधि को बढ़ा देना और इसके दौरान उचित सुविधाओं का पालन करना न्यायिक प्रणाली की पारदर्शिता और निष्पक्षता को दर्शाता है। यह निर्णय कानून और मानवाधिकारों के सिद्धांतों के अनुरूप लिया गया है, और इसका उद्देश्य सुनिश्चित करना है कि आरोपी को उचित न्याय और सुविधाएं प्राप्त हों। इस मामले की गहराई और न्यायिक प्रक्रिया के अगले चरणों का इंतजार किया जाएगा।
बेंगलुरु: बेंगलुरु की 24वीं अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) अदालत ने मंगलवार को जेल में बंद कन्नड़ अभिनेता दर्शन, उनकी साथी पवित्रा गौड़ा और 15 अन्य की न्यायिक हिरासत 30 सितंबर तक बढ़ा दी।
दर्शन और अन्य पर एक प्रशंसक का अपहरण करने और उसकी बेरहमी से हत्या करने का आरोप है। अदालत ने बल्लारी जेल अधिकारियों को दर्शन को उसके परिवार और दोस्तों से मिलने की अनुमति देने का भी निर्देश दिया है। अदालत ने अधिकारियों से उसे जेल के नियमों का पालन करते हुए आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए भी कहा।
अभियोजन पक्ष ने दर्शन सहित सभी आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत के समक्ष पेश किया। जांच अधिकारियों ने दर्शन और अन्य आरोपियों के खिलाफ तकनीकी साक्ष्य प्रस्तुत किए।
दर्शन के वकील ने अदालत को बताया कि दर्शन पीठ दर्द से पीड़ित है और जेल अधिकारियों ने उसे कुर्सी नहीं दी है। इसके अलावा, वकील ने कहा कि जेल अधिकारी बल्लारी जेल में दर्शन से मिलने के लिए उसके परिवार और दोस्तों को नहीं आने दे रहे हैं। जवाब में, अदालत ने अधिकारियों को दर्शन के परिवार और दोस्तों को उससे मिलने की अनुमति देने का आदेश दिया।
दर्शन के वकील ने तर्क दिया: “जेल अधिकारी अदालत की अनुमति के बिना नियम कैसे बना सकते हैं? क्या दर्शन का अपने परिवार और दोस्तों से मिलना गलत है? किसी को भी उससे मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। वह कर्नाटक संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (केसीओसीए) के तहत आरोपी नहीं है; वह केवल एक हत्या के मामले में आरोपी है। उसे कुर्सी देने से कैसे मना किया जा सकता है?”
अदालत ने बल्लारी जेल अधिकारियों को जेल के नियमों के अनुसार दर्शन को आवश्यक सामान उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। सरकारी अभियोजक ने कहा कि अगर अदालत अनुमति देती है तो वे सभी 17 आरोपियों को केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) से रिपोर्ट की फोटोकॉपी उपलब्ध कराएंगे। अभियोजक ने कहा कि प्रतियां एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध करा दी जाएंगी। अदालत ने अभियोजन पक्ष को यह भी निर्देश दिया कि अगली सुनवाई से पहले प्रतियां उपलब्ध कराई जाएं।
बेंगलुरू पुलिस ने हाल ही में दर्शन और उनके प्रशंसक रेणुकास्वामी के अपहरण और हत्या के सिलसिले में अन्य आरोपियों के खिलाफ अदालत में 3,991 पन्नों का आरोप पत्र प्रस्तुत किया है।
दर्शन, पवित्रा गौड़ा और उनके सहयोगी 8 जून को बेंगलुरू में दर्शन के प्रशंसक रेणुकास्वामी की जघन्य हत्या के लिए कटघरे में हैं। रेणुकास्वामी को उनके गृहनगर चित्रदुर्ग से अगवा कर बेंगलुरू लाया गया, एक शेड में रखा गया और उन्हें यातनाएं देकर मार डाला गया। उनकी मृत्यु के बाद उनके शव को नहर में फेंक दिया गया।
यह घटना तब प्रकाश में आई जब एक निजी अपार्टमेंट बिल्डिंग के सुरक्षा कर्मियों ने शव को कुत्तों के झुंड द्वारा घसीटते हुए देखा। दर्शन को आलीशान उपचार दिखाने वाली तस्वीरें सामने आने के बाद उन्हें बेंगलुरू की सेंट्रल जेल से बल्लारी जेल में स्थानांतरित कर दिया गया। इस घटना के सिलसिले में दो जेलरों सहित नौ जेल कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया और तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं।