joharcg.com मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में इन दिनों किसानों के लिए एक नई चुनौती सामने आई है। खेतों में खड़ीं और कटी हुई फसलों की फलियाँ पौधों से खुद-ब-खुद अलग हो रही हैं, जिससे फसल की गुणवत्ता और पैदावार पर असर पड़ सकता है।
फसलों की फलियाँ, जो सामान्यत: पौधों से अच्छी तरह जुड़ी रहती हैं, अब खेतों में गिर रही हैं और फसलों की कटाई के बाद भी पौधों से अलग हो रही हैं। यह समस्या विशेष रूप से दलहन और तिलहन फसलों में देखी जा रही है, जहां फलियाँ अक्सर पौधों से मजबूती से जुड़ी रहती हैं।
किसानों का कहना है कि इस समस्या के कारण उन्हें फसल की कटाई के बाद अधिक मेहनत करनी पड़ रही है। फलियाँ अलग होने के कारण फसल की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है और इससे किसानों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
किसानों ने आशंका जताई है कि यह समस्या मौसम में बदलाव या फसल की देखभाल में कमी के कारण हो सकती है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि असामान्य मौसम परिस्थितियाँ और अत्यधिक नमी भी इस समस्या का कारण हो सकती हैं।
स्थानीय कृषि विभाग ने इस स्थिति का संज्ञान लेते हुए फसल प्रबंधन पर किसानों को सलाह देने का आश्वासन दिया है। वे किसानों को बेहतर फसल देखभाल तकनीकों और उचित समय पर कटाई के महत्व के बारे में जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं।
यह स्थिति किसानों के लिए चिंता का विषय बन गई है और इससे निपटने के लिए प्रभावी उपायों की आवश्यकता है।
रायसेन हाल ही में अति वर्षा की वजह से अपनी फसलों की चिंता में रहने वाले किसानों की समस्याओं की मामूली रिपोर्ट आई है। जिले में अब खरीफ सीजन की उडद, सोयाबीन, तिल और अन्य प्रमुख फसलें अति वर्षा की चपेट में आ गई हैं जिसे खाद्य सूर्य के प्रभाव से खन्न खड़ी और कटी पड़ी फसलों की फल्लियां पौधों से अलग हो रहीं हैं।
यह समस्या किसानों के लिए गंभीर मुद्दा बन गई है क्योंकि इससे उनकी उपज को खतरा है। किसानों ने बताया कि उड़द और सोयाबीन जैसी फसलों में इस समस्या का सबसे ज्यादा प्रकोप हो रहा है। इसके अलावा, तिल और अन्य फसलों में भी यह समस्या देखी जा रही है।
किसानों ने कहा कि खराब मौसम के कारण खाद्य सूर्य के प्रभाव से पौधों में रक्त समुदाय का निर्माण हो रहा है जिससे आंकड़ा सफेद गोलियों में बदल जाता है। यह अवस्था फसल की उपज को खतरे में डाल सकती है और खेतों में नुकसान पहुंचा सकती है।
किसानों ने सरकार से मदद की अपील की है ताकि उन्हें इस समस्या का समाधान निकालने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि उत्पादन को बचाने के लिए उन्हें उचित गाइडेंस और स्थानीय सरकार की सहायता की आवश्यकता है। इस तरह, रायसेन के किसानों की स्थिति सुरक्षित करने के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत है ताकि मौसम की विपरीत परिस्थितियों से उन्हें सहायता मिल सके और उनकी फसलें सुरक्षित रह सकें।,