लगातार काम के दबाव

joharcg.com एक चौंकाने वाली और दुखद घटना सामने आई है, जिसमें 30 वर्षीय एक कर्मचारी की मौत अत्यधिक काम के दबाव के कारण हो गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कर्मचारी ने 104 दिनों तक लगातार काम किया और इस अवधि में केवल एक दिन की छुट्टी ली थी। इस अत्यधिक काम के कारण उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ा और अंततः उनकी जान चली गई।

इस युवा कर्मचारी ने जिस कंपनी में काम किया, वहाँ पर लंबे समय तक अत्यधिक काम करने का दबाव था। बताया जा रहा है कि कर्मचारी ने 104 दिनों तक बिना ब्रेक के काम किया और केवल एक दिन की छुट्टी ली थी। लंबे समय तक बिना आराम किए काम करने से उनकी शारीरिक और मानसिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप उनका स्वास्थ्य तेजी से बिगड़ता गया और अंततः उनकी मृत्यु हो गई।

मुख्य बिंदु:

  1. काम का दबाव: कर्मचारी पर अत्यधिक काम का दबाव था और वह लंबे समय तक बिना किसी ब्रेक के काम करते रहे। यह घटना कार्यस्थल पर काम के संतुलन और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी का एक गंभीर उदाहरण है।
  2. स्वास्थ्य पर असर: लगातार काम के कारण उनका स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हुआ। नींद की कमी, तनाव और शारीरिक थकावट ने उनकी स्थिति को और खराब कर दिया, जिसके कारण उनका शरीर इस दबाव को सहन नहीं कर पाया।
  3. परिवार की प्रतिक्रिया: मृतक कर्मचारी के परिवार ने कंपनी पर काम के अत्यधिक दबाव का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कंपनी ने कर्मचारियों के लिए उचित ब्रेक और आराम की व्यवस्था नहीं की थी, जिसके कारण उनके प्रियजन की जान चली गई।

यह घटना कार्यस्थल पर काम के संतुलन और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी की ओर इशारा करती है। कंपनियों को अपने कर्मचारियों की भलाई का ख्याल रखना चाहिए और उन्हें पर्याप्त ब्रेक और आराम देने की व्यवस्था करनी चाहिए। लंबे समय तक बिना आराम के काम करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, जो कभी-कभी जानलेवा भी हो सकता है।

30 वर्षीय कर्मचारी की लगातार काम के दबाव के कारण हुई मौत एक गंभीर चेतावनी है कि कार्यस्थलों पर कर्मचारियों की भलाई को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अत्यधिक काम का दबाव, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव डाल सकता है। इस घटना से यह सीख मिलती है कि काम के साथ-साथ आराम और संतुलित जीवनशैली को बनाए रखना अत्यधिक आवश्यक है। कंपनियों को इस तरह की घटनाओं से सीख लेकर कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्य परिवेश और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।

ये तो हम सभी जानते हैं कि, तनाव और जरूरत से ज्यादा काम करने से इंसान के शरीर पर बुरा असर पड़ता है. बावजूद इसके कई बार लोग अपनी हेल्थ को अनदेखा कर देते हैं, तो कई बार बढ़ता ऑफिस के काम का दवाब कर्मचारी के लिए सिर दर्द बन जाता है. जरूरत से ज्यादा काम के दुष्प्रभावों को सामने रखने वाली ऐसी ही दुखद घटना में एक चीनी व्यक्ति की 104 दिन लगातार काम करने के कारण मौत हो गई. बताया जा रहा है कि, 30 वर्षीय अबाओ नाम के शख्स ने 104 दिनों तक लगातार काम करने के दौरान सिर्फ एक ही दिन की छुट्टी ली थी. कहा जा रहा है कि, ऐसे में जरूरत से ज्यादा काम करने के कारण उनके ऑर्गन फेल हो गए.

यूं तो वर्किंग कल्चर में कितनी ही सख्ती क्यों ना हो, लेकिन हर कर्मचारी को कम से कम हफ्ते में एक दिन, स्पेशली संडे (रविवार) की छुट्टी तो दी ही जाती है, लेकिन इससे परे चीन से सामने आ रहे एक मामले ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं. दरअसल, चीन में लगातार 104 दिन तक काम करने वाले एक शख्स की मृत्यु इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है.

उनके बार में जानने के बाद सोशल मीडिया पर एक अलग ही बहस छिड़ गई है. सोशल मीडिया यूजर्स कह रहे हैं कि, ऑफिस वाले आखिर ऐसा जुल्म क्यों कर रहे हैं. साउथ चाइन मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, 30 वर्षीय अबाओ पेशे से एक पेंटर थे (जो न्योमोकोकल संक्रमण से पीड़ित थे) जिन्होंने फरवरी 2023 में झेजियांग प्रांत के झोउशान में एक वर्क प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्ट में अपनी मर्जी से ज्वाइन किया था. इस दौरान उनका काम का बोझ इतना अधिक बढ़ता चला गया कि बात उनकी जान पर बन आई.

ये थी वजह
बताया जा रहा है कि, 2023 में अबाओ ने फरवरी से लेकर मई के बीच हर दिन काम किया था और सिर्फ 6 अप्रैल को उसने केवल एक दिन की छुट्टी ली थी. इसके बाद 25 मई को लंबी सिक लीव के दौरान अबाओ के स्वास्थ्य में तेजी से गिरावट आने लगी. इस बीच 28 मई को उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां फेफड़ो में संक्रमण और सांस लेने की समस्या बताई गई,

जिसका इलाज चल रहा था. इसके बाद 1 जून को अबाओ का निधन हो गया. इस मामले में कोर्ट अब कोर्ट ने भी फैसला सुना दिया है. हालांकि, शुरू में समय के कारण उनकी मृत्यु को काम से संबंधित चोट के रूप में सामाजिक सुरक्षा अधिकारियों ने खारिज कर दिया था, लेकिन परिवार ने तर्क दिया कि जरूरत से ज्यादा काम के दवाब और ऐसी परिस्थितियों ही उनकी मृत्यु की वजह थी.

कोर्ट ने सुनाया फैसला
इस पूरे मामले में कंपनी ने अबाओ की हालत के लिए पहले से मौजूद हेल्थ इश्यूज और मेडिकल ट्रीटमेंट लेने में उसकी देरी को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं झोउशान इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट ने कंपनी को कर्मचारी की मौत का 20 प्रतिशत जिम्मेदार बताया है. इसके साथ ही इसे चीनी श्रम कानून का स्पष्ट उल्लंघन माना है. कोर्ट ने अबाओ के परिवार को मुआवजे के रूप में 4 लाख युआन यानि की (लगभग 47,46,000 रुपये) और भावनात्मक संकट के लिए 10,000 युआन दिलवाए हैं. हालांकि कंपनी ने फैसले के खिलाफ अपील की, लेकिन मूल फैसले को बरकरार रखा गया. (ndtv.in)

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