हाईकोर्ट में अनोखा मामला:

joharcg.com हाईकोर्ट में हाल ही में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया, जिसने न केवल न्यायालय को, बल्कि पूरे समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया। मामला था एक व्यक्ति का, जो अपने नाम को लेकर मानसिक और सामाजिक पीड़ा झेल रहा था। इस व्यक्ति का नाम था “नटवरलाल,” जो भारतीय समाज में एक कुख्यात ठग के रूप में जाना जाता है। इस नाम की वजह से उसे लगातार अपमान और ताने सुनने पड़ रहे थे, जिसके चलते उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।

याचिकाकर्ता नटवरलाल (बदला हुआ नाम) ने कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा कि उसका असली नाम उसकी व्यक्तिगत और सामाजिक जिंदगी में भारी परेशानी का कारण बन गया है। भारतीय इतिहास में कुख्यात ठग नटवरलाल के नाम की वजह से उसे अपने दोस्तों, सहकर्मियों और यहां तक कि अनजाने लोगों से भी अपमानजनक टिप्पणियों का सामना करना पड़ता है। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसका नाम उसे बचपन से ही परेशान करता रहा है और अब वह इस नाम को बदलने की मांग कर रहा है।

नटवरलाल नाम होने की वजह से व्यक्ति ने बताया कि उसे हर जगह ताने सुनने पड़ते हैं। स्कूल के दिनों से लेकर नौकरी की जगह तक, हर जगह लोग उसे मजाक का पात्र बनाते रहे हैं। न केवल उसका सामाजिक जीवन प्रभावित हुआ है, बल्कि इस मानसिक तनाव ने उसकी मानसिक सेहत पर भी गहरा असर डाला है।

याचिकाकर्ता ने कोर्ट में कहा, “मैंने अपना नाम खुद नहीं चुना, लेकिन यह नाम मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा अभिशाप बन गया है। लोगों की नज़र में मैं एक चोर या ठग के रूप में देखा जाता हूँ, जोकि मेरे लिए बेहद दुखदाई है।”

इस मामले को सुनते ही हाईकोर्ट के न्यायाधीश भी हैरान रह गए। न्यायाधीश ने इस पर गंभीरता से विचार करते हुए कहा कि नाम एक व्यक्ति की पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और यदि किसी व्यक्ति को अपने नाम की वजह से मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है, तो इसे बदलने पर विचार किया जाना चाहिए। अदालत ने इस मामले में याचिकाकर्ता को नाम बदलने की प्रक्रिया के लिए उचित दिशा-निर्देश देने का वादा किया है।

नाम बदलने की कानूनी प्रक्रिया में अदालत ने याचिकाकर्ता को बताया कि इसके लिए वह नाम परिवर्तन की सामान्य प्रक्रिया से गुजर सकता है। इसके तहत उसे समाचार पत्रों में अपने नाम बदलने की घोषणा करनी होगी और राज्य सरकार के गजट में इस परिवर्तन को दर्ज करवाना होगा।

यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की पीड़ा नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे समाज में नाम और पहचान के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव और उत्पीड़न हो सकता है। यह घटना नाम के महत्व और उससे जुड़े सामाजिक प्रभावों पर प्रकाश डालती है।

हाईकोर्ट के इस मामले पर निर्णय लेने के बाद, यह संभावना है कि और भी लोग अपने नाम से जुड़ी परेशानियों को लेकर कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए आगे आ सकते हैं।

रायगढ़। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक रोचक मामला सामने आया है। रायगढ़ के एक व्यवसायी ने याचिका दायर कर ठगी या जालसाजी के मामले के आरोपित को नटवर लाल जैसे नाम से पुकारे जाने या फिर लिखे जाने पर रोक लगाने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा है कि वह व्यवसायी है। बिजनेस और समाज में उसकी अच्छी खासी इज्जत है। इस तरह के नाम मीडिया में सामने आने पर उसे व्यक्तिगत पीड़ा होती है। उसका अच्छा नाम ठगों या जालसाजों की बदनियती के कारण बदनाम हो रहा है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि उनके जैसे और भी हमनाम होंगे। उनको भी इस तरह की घटना के बाद इलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया में जोर शोर से प्रकाशित व प्रसारित होने पर पीड़ा होती होगी। यह भी सही है कि मेरे सहित हमनाम अपनी पीड़ा किसे बताएं और कहां व्यक्त करें। याचिकाकर्ता व्यवसायी ने याचिका में अपनी पीड़ा को पूरी तरह व्यक्त कर दिया है। याचिका के अनुसार ठगों और जालसाजों के कारण अच्छा खासा नाम बदनाम हो रहा है। मौजूदा दौर में नटवर लाल कहते ही किसी ठग या धोखाधड़ी करने वाले की छवि लोगों के सामने आ जाती है।

यह स्वाभाविक भी है। इस नाम को मीडिया ने इतना प्रसारित और प्रचारित कर दिया है कि यह नाम लेते ही लोग ठगी या जालसाजी का ही अनुमान लगाने लगते हैं। इसी अनुरुप छवि भी बनाने लगते हैं। याचिकाकर्ता ने धारा 19 (2) और धारा 21 तहत में तहत याचिका दायर कर इस तरह की घटनाओं में नटवर लाल जैसे नाम का उपयोग करने पर पाबंदी लगाने की मांग की है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में बताया है कि जालसाजी,ठगी और धोखाधड़ी के लिए कुख्यात मिथलेस श्रीवास्तव को 420 के मामले में जब पकड़ा गया था तब उसे ही नटवर लाल के नाम से संबोधित किया गया था। किसी के नाम का किसी भी संदर्भ में उपयोग करना मौलिक अधिकारों के हनन का मामला बनता है।
नटवर नागर के नाम का है अपमान

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि नटवर भगवान श्रीकृष्ण का नाम है। उन्हें नटवर नागर के नाम से भी जाना जाता है। जालसाजी और चारसौबीसी में नटवर लाल जैसे नाम का प्रयोग करना भगवान श्रीकृष्ण का अपमान है। भक्तों को पीड़ा होती है। याचिकाकर्ता ने तो यहां तक कहा है कि यह उनकी व्यक्तिगत पीड़ा का विषय है। इस पर गंभीरता के साथ विचार करने की गुहार लगाई है।

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