joharcg.com वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने हाल ही में आयोजित 54वीं GST परिषद की बैठक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जहां कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। यह बैठक देश की आर्थिक स्थिति और कर सुधारों के दृष्टिकोण से बेहद अहम मानी जा रही थी।

बैठक में विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने भाग लिया। ओपी चौधरी ने छत्तीसगढ़ की ओर से कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने GST से संबंधित कई चुनौतियों और सुझावों पर चर्चा की, जो राज्य के व्यापारिक और औद्योगिक समुदाय को प्रभावित कर रहे हैं।

चौधरी ने बैठक में राज्य के छोटे और मध्यम व्यापारियों के लिए GST अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि GST की वर्तमान प्रणाली को और अधिक लचीला बनाने की आवश्यकता है, ताकि छोटे व्यापारियों को राहत मिल सके और कर भुगतान प्रक्रिया सुगम हो सके। साथ ही, उन्होंने राज्य की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार से और अधिक सहयोग की मांग की।

बैठक के दौरान, कई कर सुधार और दरों में बदलाव पर भी विचार-विमर्श हुआ। GST परिषद की यह बैठक आगामी वित्तीय नीतियों और कराधान प्रणाली को और अधिक पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से की गई थी। चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने और कर चोरी को रोकने के लिए GST प्रणाली में सुधार महत्वपूर्ण है।

GST परिषद की इस बैठक से राज्य के उद्योग और व्यापारिक जगत को कई महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों का लाभ मिलने की संभावना है। वित्त मंत्री चौधरी की उपस्थिति और उनके सुझावों को परिषद में गंभीरता से लिया गया, और यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही GST में कुछ सुधार लागू होंगे।

गीता सिद्धांत, न्याय के मंत्री पल्लवी जोशी और बाजार मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी इस बैठक में भाग लिया। इस अहम समिति की बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई जैसे इलेक्ट्रानिक्स, मोबाइल, सफाई की सेवाएं और जीएसटी दरों पर अंकलित किए गए परिवर्तन। इसके अतिरिक्त, कोविड-19 महामारी का प्रभाव तथा सामाजिक लाभ क्रेडिट कार्ड पर विस्तारित आवाज के समाधान पर भी चर्चा की गई। इस बैठक के दौरान, वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने गीता सिद्धांत, पल्लवी जोशी और धर्मेंद्र प्रधान से शुरुआत स्वागत किया और सभी मंत्रियों द्वारा पेश की गई जानकारी की सराहना की।

यह बैठक एक महत्वपूर्ण माध्यम है जिसमें विभिन्न राज्यों और केंद्र के मंत्रियों को एक स्थान पर मिलकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने का मौका मिलता है। इसके माध्यम से सरकार नकारात्मक प्रभावों से प्रभावित लोगों के लिए सर्वेक्षण कर सकती है और सही कदम उठा सकती है। इस बैठक के माध्यम से सरकार द्वारा नए निर्णय और सुधार की प्रक्रिया को तेजी से बढ़ावा मिल सकता है और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती से अग्रसर किया जा सकता है।

जीएसटी परिषद की इस 54वीं बैठक ने न केवल विभिन्न विषयों पर चर्चा का माध्यम प्रदान किया बल्कि यह देशवासियों के हित में अहम कदमों की प्रक्रिया में मदद भी करेगा। इससे स्पष्ट है कि सरकार GST का अच्छे तरीके से प्रबंधित रखने के लिए संज्ञान ले रही है और उसके सुधार करने के लिए सक्रिय है।

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