joharcg.com जम्मू-कश्मीर में आगामी चुनावों की तैयारियों के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना संकल्प पत्र जारी किया है। इस दस्तावेज़ में पार्टी ने राज्य के विकास, सुरक्षा, और सामाजिक सुधारों पर जोर देते हुए कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। भाजपा का यह संकल्प पत्र राज्य के नागरिकों के सामने पार्टी की प्राथमिकताएँ और योजनाओं को स्पष्ट रूप से रखता है।
भाजपा का संकल्प पत्र जम्मू-कश्मीर के विकास की दिशा में एक विस्तृत रोडमैप पेश करता है। इसमें राज्य में बुनियादी ढांचे, शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के क्षेत्रों में सुधार के लिए ठोस योजनाओं का उल्लेख है। पार्टी ने विकास कार्यों को तेज़ करने और कश्मीर घाटी में अमन-चैन को स्थापित करने का वादा किया है। इसके अलावा, भाजपा ने राज्य की सुरक्षा स्थिति को सुधारने और आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई का भी संकल्प लिया है।
संकल्प पत्र में विशेष ध्यान स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने, स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने, और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने पर केंद्रित है। इसके अलावा, पार्टी ने जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई नई योजनाओं का प्रस्ताव किया है, ताकि राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।
भाजपा का संकल्प पत्र यह भी स्पष्ट करता है कि पार्टी जम्मू-कश्मीर में सामाजिक न्याय और विकास की प्रक्रिया को प्राथमिकता देगी। इसमें महिला सशक्तिकरण, अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए विशेष योजनाएँ, और सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कदम उठाने की बात की गई है।
इस संकल्प पत्र के जारी होने के बाद, चुनावी परिदृश्य में एक नई हलचल देखने को मिल रही है। विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाएँ और जनता की राय इस दस्तावेज़ के प्रभाव को तय करेंगी। भाजपा की ओर से किए गए वादों और योजनाओं को किस हद तक पूरा किया जाता है, यह आगामी चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनेगा।
कुल मिलाकर, भाजपा का संकल्प पत्र जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के सामने पार्टी की विकासात्मक दृष्टि को स्पष्ट रूप से पेश करता है और यह चुनावी लड़ाई में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ साबित हो सकता है।
जम्मू । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी का चुनावी घोषणापत्र जारी किया। शाह दो दिवसीय दौरे पर शुक्रवार दोपहर जम्मू पहुंचे। अमित शाह ने पार्टी का संकल्प पत्र जारी करने के बाद कहा कि आजादी के समय से ही हमारी पार्टी के लिए जम्मू-कश्मीर का ये भूभाग बहुत महत्वपूर्ण रहा है और आजादी के समय से ही हमने इस भूभाग को हमेशा भारत के साथ जोड़े रखने के लिए प्रयास किए।
पंडित प्रेमनाथ डोगरा से लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की शहादत तक… ये पूरा संघर्ष पहले भारतीय जनसंघ और फिर भारतीय जनता पार्टी ने आगे बढ़ाया। क्योंकि हमारी पार्टी मानती है कि जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा है और रहेगा।
पहले यहां अलगाववादियों के सामने सरकारें नतमस्तक हुआ करती थीं। बीते 10 साल में यहां शांति रही और विकास हुआ। 370 और 35A खत्म करना ऐतिहासिक फैसला रहा। अब ये दोनों अतीत बन चुके हैं। उनकी अब कभी वापसी नहीं हो पाएगी। 2014 से 24 तक जम्मू-कश्मीर के लिए स्वर्णिम काल रहे। इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में हर वर्ग से इंसाफ किया है। सबका साथ, सबका विकास पर काम किया है। पिछली सरकारों ने भेदभाव किया जाता था।