बारिश में जामुन

joharcg.com बारिश का मौसम आते ही मौसम में बदलाव के साथ-साथ मौसमी बीमारियाँ भी बढ़ जाती हैं। खासकर, फ्लू, खांसी, जुकाम और वायरल बुखार जैसे समस्याएँ आम हो जाती हैं। ऐसे में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। बारिश के मौसम में मिलने वाला एक खास फल, जो हमें इस मौसम में प्रचुर मात्रा में मिलता है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

बारिश के मौसम में मिलने वाला यह फल है ‘जामुन’। जामुन का मौसम भारतीय मानसून के साथ मेल खाता है और यह न केवल स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी अत्यधिक लाभकारी होता है।

जामुन के स्वास्थ्य लाभ

  1. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि:
    जामुन में उच्च मात्रा में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को सशक्त बनाते हैं। यह विटामिन शरीर को संक्रमणों और मौसमी बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
  2. पाचन में सहायक:
    जामुन में प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है। यह कब्ज और पेट संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है, जो बारिश के मौसम में आम होती हैं।
  3. ब्लड शुगर नियंत्रण:
    जामुन में ‘जामुनिन’ नामक यौगिक होता है, जो रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह डायबिटीज के रोगियों के लिए भी लाभकारी हो सकता है।
  4. त्वचा की देखभाल:
    जामुन के एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन C त्वचा को निखारने और उसकी रंगत को सुधारने में मदद करते हैं। यह त्वचा को मॉइस्चराइज करता है और उसे स्वस्थ बनाता है।
  5. हृदय स्वास्थ्य:
    जामुन में पाया जाने वाला पोटेशियम और फाइबर हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। यह रक्तदाब को नियंत्रित करने और हृदय रोगों के खतरे को कम करने में सहायक है।

जामुन को आप विभिन्न तरीकों से अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसे ताजे फल के रूप में खा सकते हैं, जामुन का जूस बना सकते हैं, या जामुन की चटनी और मुरब्बा भी तैयार कर सकते हैं।

हालांकि जामुन के स्वास्थ्य लाभ अनेक हैं, लेकिन इसे अधिक मात्रा में खाने से बचना चाहिए, विशेषकर अगर आपको मधुमेह या पेट की समस्याएं हैं।

बारिश के मौसम में जामुन का सेवन आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ आपकी सेहत को भी कई तरह से फायदा पहुंचा सकता है। इस स्वादिष्ट और पोषक फल को अपनी डाइट में शामिल करके आप मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

मानसून में ऐसी सब्जियां और फल ज्यादा आते हैं जिनमें विटामिन सी की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। अगर आप सीजनल फल और सब्जियों को डाइट में शामिल करते हैं तो इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। बारिश के दिनों में करौंदा का सीजन होता है। बेर से छोटे साइज के लाल, हरे और सफेद रंग के दिखने वाले करौंदा खाने में बहुत ही खट्टे होते हैं। करौंदा को सब्जी के साथ साइड डिश के रूप में छौंक कर इस्तेमाल किया जाता है। मिर्च, करौंदा और प्याज को मिलाकर छोंक लें इसे जब जी चाहे खाएं। करौंदा खाने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और शरीर कई बीमारियों से बचा रहता है।

जानिए रोजाना करौंदा खाने से क्या फायदे मिलते हैं?
इम्यूनिटी मजबूत- मानसून में वायरल और कई तरह के इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में डाइट में करौंदा जरूर शामिल करें। करौंदे में विटामिन सी, विटामिन बी और आयरन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और आप सीजनल बीमारियों से बचे रहते हैं। पाचने को बनाए बेहतर- बारिश में पाचन तंत्र काफी स्लो हो जाता है। ऐसे में करौंदा डाइट बैलेंसर का काम करता है। इसमें पेक्टिन नाम का एक सोल्यूबल फाइबर होता है जो आपके पेट को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इससे पाचनतंत्र मजबूत होता है।

ब्लड प्रेशर में फायदेमंद- करौंदा में विटामिन C, विटामिन बी और आयरन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो आपकी हार्ट हेल्थ के लिए अच्छे साबित होते हैं। हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में भी ये फल मदद करता है। करौंदा खाने से शरीर में सूजन की समस्या को भी कम किया जा सकता है। स्ट्रेस घटाए- करौंदा बेरी फैमिली का फल है। इसमें भरपूर एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो आपकी स्किन और दूसरी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। करौंदा खाने से शरीर को मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा मिलती है जिससे स्ट्रेस को दूर करने में सहायता मिलती है।

करौंदा को आप सिर्फ तेल और जीरा हींग के साथ छौंक लगाकर हल्का गलने पर खा सकते हैं। आप चाहें तो इसे मिर्च और प्याज के साथ छौंक कर खा सकते हैं। इसके लिए पैन में तेल गर्म करें और इसमें कटी प्याज, हरी मिर्च और साबुत करौंदा डाल दें। ऊपर से हल्दी और नमक डाल दें और ढक दें। मुलायम होने पर गैस बंद कर दें। इसे साइड में अचार या चटनी की जगह खा सकते हैं। इसके अलावा करौंदी की लौंजी और अचार बनाकर भी खा सकते हैं।

O. P. Choudhary Archives – JoharCG