आबकारी कांस्टेबल

joharcg.com आबकारी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान हुई अप्रत्याशित घटना ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। इस परीक्षा के दौरान 11 अभ्यर्थियों की मौत हो गई, जिससे भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुरक्षा उपायों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। घटना के बाद राज्य सरकार ने तुरंत जांच के आदेश जारी कर दिए हैं, ताकि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के पीछे के कारणों का पता लगाया जा सके।

घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, परीक्षा के दौरान अचानक कुछ अभ्यर्थियों की तबीयत बिगड़ गई। परीक्षा केंद्र पर मौजूद मेडिकल टीम ने स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन स्थिति गंभीर होती चली गई। अस्पताल ले जाने के बावजूद 11 अभ्यर्थियों को बचाया नहीं जा सका। इन अभ्यर्थियों की मौत ने उनके परिवारों और अन्य अभ्यर्थियों में शोक की लहर फैला दी है।

यह घटना जहां एक ओर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, वहीं दूसरी ओर परीक्षार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। परीक्षा के दौरान तापमान और अन्य कठिनाइयों के चलते ऐसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना जताई जा रही है।

घटना के तुरंत बाद राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं। एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है, जो इस घटना की गहनता से जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करेगी।

प्रशासन ने भरोसा दिलाया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और परीक्षा की प्रक्रिया में सुधार के उपाय किए जाएंगे। राज्य के शिक्षा मंत्री ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट की हैं।

इस घटना ने एक बार फिर से भर्ती प्रक्रियाओं में सुरक्षा मानकों और स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता को उजागर किया है। सरकार से अपेक्षा की जा रही है कि वह इस मामले में कठोर कदम उठाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए पुख्ता इंतजाम करेगी।

आबकारी कांस्टेबल भर्ती के दौरान हुई इस दर्दनाक घटना ने प्रदेश के युवाओं को झकझोर कर रख दिया है। अब सभी की निगाहें सरकार और जांच समिति पर टिकी हैं, कि वे इस मामले में क्या निष्कर्ष निकालते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।

रांची। झारखंड में आबकारी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के शारीरिक दक्षता परीक्षण के दौरान 11 अभ्यर्थियों की मौत की खबर ने हड़कंप मचा दिया है। यह दुर्घटना राज्य के विभिन्न जिलों में आयोजित फिटनेस टेस्ट के दौरान हुई। परीक्षा 22 अगस्त से शुरू हुई थी, जिसमें रांची, गिरिडीह, हजारीबाग, पलामू, पूर्वी सिंहभूम, और साहेबगंज जिलों में कुल सात केंद्र बनाए गए थे। कुल 1,27,772 अभ्यर्थियों ने परीक्षा में हिस्सा लिया, जिनमें से 78,023 उम्मीदवार उत्तीर्ण हुए हैं।

हालांकि, परीक्षण के दौरान पलामू में 4, गिरिडीह और हजारीबाग में 2-2, जबकि रांची, पूर्वी सिंहभूम, और साहेबगंज में एक-एक अभ्यर्थी की मौत हो गई। इस अप्रत्याशित घटना के बाद सभी केंद्रों पर हड़कंप मच गया। पुलिस ने मामले में अप्राकृतिक मौत के केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
झारखंड पुलिस के आईजी ऑपरेशन अमोल विनुकांत होमकर ने बताया कि सभी केंद्रों पर चिकित्सा दल, एम्बुलेंस, और पेयजल जैसी सुविधाएं उपलब्ध थीं। बावजूद इसके, 11 अभ्यर्थियों की मौत हो गई, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं।

घटना के बाद राज्य में लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। भारतीय जनता युवा मोर्चा ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया और मृतकों के परिवारों के लिए न्याय की मांग की। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि अभ्यर्थियों को शारीरिक परीक्षण की जानकारी समय से पहले दी जानी चाहिए थी ताकि वे तैयारी कर सकें। उन्होंने दावा किया कि केंद्रों पर अभ्यर्थियों को अनियमित समय पर दौड़ाया गया, जिससे उनकी जान पर बन आई। राज्यभर में इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी हैं, और लोग सरकार से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।

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