joharcg.com अफगानिस्तान में सोमवार की रात 5.7 तीव्रता का भूकंप आया, जिसने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया। भूकंप के झटके अफगानिस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान और भारत के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए। दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में लोगों ने भूकंप के हल्के झटके महसूस किए, जिससे वे अचानक अपने घरों से बाहर निकल आए।
भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदूकुश क्षेत्र में था, जो भूकंप संभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। इस क्षेत्र में अक्सर भूगर्भीय हलचलें होती रहती हैं, जिससे आसपास के देशों में भी झटके महसूस होते हैं। इस बार भी अफगानिस्तान के अलावा पाकिस्तान और भारत के कुछ हिस्सों में भूकंप का असर देखा गया।
दिल्ली में देर रात महसूस किए गए झटकों ने लोगों को हैरान कर दिया। हालांकि, दिल्ली में भूकंप का असर मामूली था, फिर भी लोगों में दहशत फैल गई और वे तुरंत अपने घरों से बाहर आ गए। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इस भूकंप के अनुभव साझा किए, जहां कई लोगों ने बताया कि उनके घरों में खिड़कियां और दरवाजे हिलने लगे थे।
अफगानिस्तान में इस भूकंप से अभी तक किसी बड़ी हानि की खबर नहीं है, लेकिन कुछ इलाकों में इमारतों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। राहत और बचाव दलों को तुरंत सक्रिय कर दिया गया है, और स्थिति की निगरानी की जा रही है। इस भूकंप के बाद क्षेत्र में अफ्टरशॉक्स की संभावना भी बनी हुई है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस करने के बाद, प्रशासन ने लोगों से अफवाहों से बचने और सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही, भूकंप से संबंधित किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत सुरक्षा निर्देशों का पालन करने को कहा गया है।
यह भूकंप एक बार फिर से याद दिलाता है कि प्राकृतिक आपदाएं कब और कहां आ सकती हैं, इसका पूर्वानुमान करना मुश्किल होता है। ऐसे में सतर्कता और तैयारी ही सबसे बड़ा बचाव है।
अफगानिस्तान के उत्तरी इलाके में मौजूद अश्काशाम में 5.7 तीव्रता का भूकंप आया. इसका केंद्र अश्काशाम से 28 किलोमीटर दूर जमीन के अंदर 255 किलोमीटर की गहराई में था. ये जमीन की दूसरी लेयर यानी मेंटल के आसपास होने वाली गतिविधि थी. इसकी वजह से फिलहाल किसी नुकसान की खबर नहीं आई है. पिछले साल अक्तूबर में आए 6.3 तीव्रता के भूकंप ने तालिबान शासित देश में भारी तबाही मचाई थी. कई लोग मारे गए थे. आज अफगानिस्तान में जो भूकंप आया, उसके झटके जम्मू और कश्मीर, दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए हैं.
पिछले साल अक्तूबर महीने में अफगानिस्तान में एक के बाद एक तीन भूकंप आए थे. तीनों की तीव्रता भी ज्यादा थी. 7 अक्तूबर को 6.3, 11 अक्तूबर को 6.3 और 15 अक्तूबर को 6.4. इसकी वजह से 1500 लोग हेरात और आसपास के इलाकों में मारे गए थे. डेढ़ लाख लोगों ने घर बर्बाद हो गए थे. तीन जिले में इमारतें धवस्त हो गई थीं.
केंद्र हिंदूकुश पहाड़ों के नीचे अक्सर जमीन हिल जाती है. इन भूकंपों की वजह से भारत, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, चीन, उजबेकिस्तान और किर्गिस्तान तक हिल जाते हैं. हैरानी इस बात की है कि ये भूकंप बहुत ज्यादा गहराई में था. यानी धरती की दूसरी लेयर मेंटल के आसपास.