मथुरा-वृंदावन

joharcg.com रायगढ़ का झूला उत्सव इस बार खास चर्चा में है, क्योंकि यह अपनी अनूठी परंपराओं और भव्य आयोजनों के कारण लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। जिस प्रकार मथुरा और वृंदावन के झूला उत्सव देशभर में प्रसिद्ध हैं, उसी प्रकार रायगढ़ का यह आयोजन भी श्रद्धालुओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

इस उत्सव में भगवान कृष्ण और राधा की मूर्तियों को बड़े धूमधाम से झूले में बैठाया जाता है, और भक्तजन इस दृश्य को देखने के लिए दूर-दूर से यहाँ आते हैं। यह उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक धरोहर को भी प्रदर्शित करता है।

रायगढ़ के इस झूला उत्सव में पारंपरिक भजन, कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जो पूरे वातावरण को भक्तिमय बना देते हैं। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर उम्र के लोग इस उत्सव का आनंद लेने आते हैं।

उत्सव में स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प और मिठाइयाँ भी विशेष आकर्षण का केंद्र होते हैं, जो इस आयोजन को और भी खास बनाते हैं। लोग न केवल धार्मिक भावनाओं से जुड़े इस उत्सव का आनंद लेते हैं, बल्कि यहाँ के पारंपरिक व्यंजनों और कला का भी स्वाद लेते हैं।

रायगढ़ का यह झूला उत्सव धीरे-धीरे मथुरा-वृंदावन के समान लोकप्रियता प्राप्त कर रहा है, और यह श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल बनता जा रहा है। प्रशासन की ओर से इस आयोजन को सफल बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो।

इस उत्सव ने रायगढ़ को धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। स्थानीय लोग इस उत्सव को लेकर गर्व महसूस कर रहे हैं, और आने वाले वर्षों में इसे और भी भव्य बनाने की योजना बना रहे हैं।

नगर में जन्माष्टमी झूला उत्सव मनाने की शुरुआत सेठ किरोड़ीमल ने 1956 में गौरीशंकर मंदिर में की थी। अब श्रीश्याम मंडल इसे आगे बढ़ा रहा है। सन 1975 से श्रीश्याम मंदिर प्रांगण में झुला उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। मथुरा-वृंदावन के उत्सव की ही तरह रायगढ़ का झूला उत्सव लोगों को आकर्षित कर रहा है।
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का श्रीश्याम मंडल तथा गौरीशंकर मंदिर समिति द्वारा विशेष तैयारी की गई है।

कोलकाता के कलाकारों ने स्वचलित झांकियां सजाई है। श्याम बगीची में 24 से 28 अगस्त तक पांच दिवसीय श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मेला उत्सव का आयोजन श्री श्याम मंडल के सदस्यों द्वारा किया जा रहा है। श्याम बगीची परिसर में 15 हजार वर्ग फीट में वाटर प्रूफ पंडाल बनाया गया है। मंदिर परिसर में लड्डू गोपाल, राधा—कृष्ण, बांकेबिहारी की झांकी सजी है। यहां हर दिन लगभग पांच लाख लोग दर्शन के लिए पहुंच रहे है।

कोलकाता की कुमार टोली ने बनाई झांकियां यहां लगाई गई झांकियों को कोलकाता के कुमार टोली के मूर्तिकार एवं दुर्ग के कलाकारों ने तैयार की है। मूर्तियों को जीवंत रूप में देकर अपनी कला का जादू दिखाया है। कुमार टोली अपनी रचनात्मकता के लिए राष्ट्रीय स्तर ख्याति प्राप्त है।

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