joharcg.com उज्जैन: चौथे सोमवार पर महाकालेश्वर मंदिर में अद्धभुत भस्म आरती उज्जैन, मध्य प्रदेश: चौथे सोमवार को भी बड़ी संख्या में भक्तों ने महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती का दर्शन किया। यह स्थल हर सोमवार को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्म आरती के लिए प्रसिद्ध है। भस्म आरती मंदिर में विशेष सुरक्षा और व्यवस्था की जाती है ताकि सभी भक्त सुरक्षित और सुचारू रूप से भस्म आरती का अनुभव कर सकें। यहां की अद्भुत और भगवान शिव की आराधना में गूंजी हवा में एक अद्वितीय भावना है।

महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और हर सोमवार को भस्म आरती का आयोजन किया जाता है। चौथे सोमवार को यह आरती विशेष रूप से भक्तों के द्वारा देखी जाती है और उनकी आराधना में नाना प्रकार के समर्पण देखने को मिलते हैं। इस घटना में भाग लेने वाले लोग अपनी श्रद्धा और भक्ति के स्वर्गीय अनुभव को साझा करते हैं और महाकालेश्वर की कृपा और आशीर्वाद का आभास करते हैं।

यह आरती आमतौर पर दिनभर की भावनाओं को अभिव्यक्त करने के लिए मानी जाती है और भक्तों को मानसिक शांति और सुख का अनुभव करने का अवसर देती है। इस भस्म आरती का आयोजन महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासनिक द्वारा सुचारू रूप से किया जाता है ताकि दर्शकों को पूरी सुविधा मिल सके। इस सामरिक और धार्मिक आयोजन में जुटे लोग एक अद्वितीय और शांतिपूर्ण अनुभव का लाभ उठाते हैं और आत्मा को शुद्धि और ऊर्जा का एहसास करते हैं।

इस रीति-रिवाज और उत्सव के माध्यम से भगवान शिव की आराधना और भगवान के प्रति श्रद्धाभाव लोगों के मन, शरीर और आत्मा को पावन करता है। भस्म आरती का आनंद लेने के लिए लोग पूरे दिन से तैयार रहते हैं और इस पवित्र क्षण का लाभ उठाते हैं। इस अद्धभुत और भव्य घटना के साथ समाप्त होती है और लोग अपनी आत्मीयता और सामरिकता का आनंद लेते हुए घर की ओर लौटते हैं। यह एक अद्भुत और प्रेरणादायक अनुभव है जो लोगों को धार्मिकता और भगवान की कृपा में एकाग्र करता है।,

उज्जैन, जो कि अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के लिए विश्वविख्यात है, ने हाल ही में महाकालेश्वर मंदिर में चौथे सोमवार की भस्म आरती का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया। सावन के पवित्र महीने में यह आरती विशेष महत्व रखती है, और इस बार चौथे सोमवार को महाकाल की भस्म आरती ने भक्तों के दिलों में अनोखी श्रद्धा और भक्ति का संचार किया।

महाकालेश्वर मंदिर में सुबह की पहली आरती, जिसे भस्म आरती कहा जाता है, भगवान शिव को समर्पित है। यह आरती एक विशेष अनुष्ठान है जिसमें महाकाल के शिवलिंग को भस्म से अलंकृत किया जाता है। इस अनोखी आरती को देखने के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं। चौथे सोमवार की आरती का दृश्य विशेष रूप से आकर्षक था, जिसमें शिव भक्तों ने महाकाल की भक्ति में लीन होकर इस अद्भुत आरती के दर्शन किए।

आरती के दौरान मंदिर परिसर में भक्ति और आस्था का माहौल पूरी तरह से देखने लायक था। भक्तों की आंखों में आंसू और हृदय में भक्ति का उमड़ता सागर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता था। महाकाल के इस रूप को देखने के लिए न केवल उज्जैन के स्थानीय निवासी, बल्कि देश के कोने-कोने से आए भक्तों ने भी हिस्सा लिया।

भस्म आरती के अनुष्ठान के दौरान मंदिर के पुजारियों ने शिवलिंग पर भस्म का लेप किया, जिसे देखकर भक्तों के चेहरे पर अपार आनंद और संतोष का भाव दिखाई दिया। इस दौरान भक्तजन ‘हर-हर महादेव’ के जयकारों से मंदिर परिसर को गुंजायमान करते रहे।

चौथे सोमवार की इस भस्म आरती को देखने के लिए मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। सावन के इस पवित्र महीने में महाकालेश्वर की इस भस्म आरती को देखना एक अद्भुत और दिव्य अनुभव होता है, जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

महाकालेश्वर मंदिर की भस्म आरती न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह उज्जैन के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को भी दर्शाती है। भक्तों के लिए यह आरती एक ऐसा पल होता है, जो उन्हें महादेव के साथ एक गहरे आध्यात्मिक संबंध का अनुभव कराता है। चौथे सोमवार की इस भस्म आरती ने एक बार फिर से उज्जैन को धार्मिकता और आस्था का केंद्र बना दिया है।

Anuj Sharma Archives – JoharCG