joharcg.com सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में एक आरोपी जिसने पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था, उसे फिर से पुलिस ने हिरासत में लिया है। उत्तर प्रदेश पुलिस की एक कार्रवाई के बाद गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम रामेश् है। रिपोर्ट्स के अनुसार, रामेश् ने पुलिस कस्टडी से फरार होने के बाद छोड़ा हुआ गाड़ी चला रहा था, जिसे पुलिस ने रोक लिया। रामेश् ने पुलिस टीम के सामने सरेंडर किया और उसकी फिर से हिरासत में लेने की कार्रवाई की गई।
आरोपी के पुलिस कस्टडी से फरार हो जाने के बाद, पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की थी। उन्होंने आरोपी की खोज में भी कई टीमें तैनात की थी जिससे उन्होंने यहाँ अवैधता नहीं होने दी। रामेश् को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उसे जिला अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए भेज दिया है। पुलिस ने कहा कि वे उसे एक्सपर्ट इंटररोगेशन टीम से बात कराएंगे ताकि उनके विचार और जानकारी से और अधिक मामले के बारे में जान सकें।
इस पूरे मामले से सामाजिक आख्यान को मजबूती मिलेगी और लोगों में पुलिस की भरोसा और सुरक्षा से विश्वास बढ़ेगा। यह घटना इस जिले में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखी जा रही है। मंगलवार को पुलिस के हाथ एक बड़ा कामयाबी हाथ लगी जब उन्होंने एक फरार आरोपी को फिर से गिरफ्तार किया, जिसने कस्टडी से भागने के बाद अपनी पहचान छुपाने के लिए हर संभव प्रयास किए थे। इस आरोपी के पकड़े जाने की कहानी किसी फिल्मी सीन से कम नहीं है, जिसमें रहस्य, तनाव और अंत में कानून की जीत होती है।
आरोपी, जिसका नाम राजेश बताया जा रहा है, को कुछ दिन पहले पुलिस ने एक गंभीर अपराध के आरोप में गिरफ्तार किया था। लेकिन पुलिस की कस्टडी में रहते हुए उसने अपने भागने की योजना बनाई। मौका मिलते ही वह पुलिस की निगरानी से बच निकलने में सफल हो गया। राजेश का भागना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया, क्योंकि वह बेहद चालाकी से अपनी पहचान बदलने की कोशिश में जुट गया था।
राजेश के फरार होने के बाद पुलिस ने तुरंत उसकी खोजबीन शुरू कर दी। वह लगातार अपनी जगह बदलता रहा, ताकि पुलिस को भ्रमित कर सके। उसने अपना हुलिया बदलने के लिए बाल कटवाए, दाढ़ी बढ़ाई और पुराने कपड़े पहनकर अपने आप को छुपाने की कोशिश की। उसने भीड़-भाड़ वाले इलाकों में रहना शुरू कर दिया ताकि पहचान में न आ सके।
लेकिन पुलिस ने हार नहीं मानी। उन्होंने उसकी तलाश के लिए एक विशेष टीम का गठन किया। पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर छापे मारे और उसकी जानकारी प्राप्त करने के लिए मुखबिरों का सहारा लिया। आरोपी का फोन नंबर ट्रेस किया गया और उसके संपर्क में आने वाले लोगों से पूछताछ की गई।
कई दिनों की मेहनत के बाद, पुलिस को एक सूचना मिली कि आरोपी एक बस स्टैंड पर किसी अन्य शहर की ओर भागने की योजना बना रहा है। पुलिस ने तुरंत वहां पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान भी आरोपी ने बचने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी के आगे उसकी कोई चाल नहीं चल सकी।
आखिरकार, आरोपी को फिर से कस्टडी में ले लिया गया और अब उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। पुलिस के इस सफल ऑपरेशन ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कानून से भागना आसान नहीं है। चाहे जितनी भी चालाकी से अपराधी अपनी पहचान छुपाने की कोशिश करें, कानून की नजरों से बचना मुश्किल है।
इस मामले ने पुलिस की मुस्तैदी और जांच-पड़ताल की कुशलता को साबित किया है, और यह स्पष्ट किया कि न्याय का पहिया धीरे-धीरे ही सही, लेकिन चलता जरूर है।