भारतीय रिजर्व बैंक

joharcg.com नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने रेपो दर 6.50% पर यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा मौद्रिक नीति समिति ने 4:2 बहुमत से नीति रेपो दर को 6.5% पर अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। नतीजतन, स्थायी जमा सुविधा (SDF) दर 6.25% पर बनी हुई है, और सीमांत स्थायी सुविधा (MSF) दर और बैंक दर 6.75% पर बनी हुई है।RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, “2024-25 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि 7.2% रहने का अनुमान है, जिसमें Q1 7.1%, Q2 7.2%, Q3 7.3% और Q4 7.2% है।

2025-26 की Q1 के लिए वास्तविक GDP वृद्धि 7.2% रहने का अनुमान है। शक्तिकांत दास ने बताया अप्रैल और मई के दौरान 4.8 प्रतिशत पर स्थिर रहने के बाद मुद्रास्फीति जून में बढ़कर 5.1 प्रतिशत हो गई। दास ने जानकारी देते हुए कहा घरेलू आर्थिक गतिविधि में लचीलापन बना हुआ है। आपूर्ति पक्ष पर, दक्षिण-पश्चिम मानसून में लगातार प्रगति, खरीफ की अधिक संचयी बुवाई और जलाशयों के स्तर में सुधार खरीफ उत्पादन के लिए बहुत अच्छा संकेत है…घरेलू मांग में सुधार के कारण विनिर्माण गतिविधि में तेजी जारी है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में आम जनता और व्यवसायों को राहत देते हुए यह स्पष्ट किया है कि निकट भविष्य में लोन महंगे नहीं होंगे। यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और महंगाई के बढ़ते दबाव के चलते लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी की अटकलें लगाई जा रही थीं।

RBI ने अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए यह फैसला किया है कि वर्तमान समय में रेपो रेट को स्थिर रखा जाएगा। रेपो रेट वह दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक, RBI से कर्ज लेते हैं। रेपो रेट में बदलाव न करने का सीधा अर्थ है कि बैंकों द्वारा ग्राहकों को दिए जाने वाले लोन पर ब्याज दरों में कोई वृद्धि नहीं

RBI ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को महंगाई के दबाव से राहत देने के लिए वह सतर्क है, लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि आर्थिक विकास की गति को बनाए रखा जाए। रेपो रेट स्थिर रखने का निर्णय इसी दिशा में एक कदम है, ताकि बाजार में पर्याप्त लिक्विडिटी बनी रहे और उधार लेने वालों पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।

इस घोषणा के बाद शेयर बाजार और वित्तीय बाजारों में सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। निवेशकों ने RBI के इस कदम को स्थिरता और विश्वास का संकेत माना है। साथ ही, लोन लेने वाले ग्राहकों को भी इस खबर से राहत मिली है, खासकर वे लोग जो होम लोन, कार लोन, या व्यक्तिगत लोन लेने की योजना बना रहे हैं।

इस फैसले से उन लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा जो पहले से लोन ले चुके हैं या लेने की योजना बना रहे हैं। मौजूदा ब्याज दरों पर ही उन्हें लोन की सुविधा मिलती रहेगी, जिससे उनकी EMI में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी।

हालांकि, RBI ने यह भी संकेत दिया है कि वैश्विक और घरेलू आर्थिक परिस्थितियों पर नजर बनाए रखी जाएगी। अगर महंगाई या अन्य आर्थिक संकेतकों में कोई गंभीर बदलाव होता है, तो भविष्य में ब्याज दरों में बदलाव की संभावना को नकारा नहीं जा सकता

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लोन की ब्याज दरों को स्थिर रखने का निर्णय एक राहत की खबर है। इससे न केवल आम उपभोक्ताओं को लाभ होगा, बल्कि अर्थव्यवस्था में स्थिरता और विकास को भी समर्थन मिलेगा।

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