बुद्धदेव भट्टाचार्य

joharcg.com कोलकाता । पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन हो गया है। भट्टाचार्य ने 80 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनके परिवार ने गुरुवार को उनके निधन की खबर की पुष्टि की। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की राज्य इकाई के सचिव मोहम्मद सलीम ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का बृहस्पतिवार को कोलकाता स्थित उनके घर पर निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे।

भट्टाचार्य दक्षिण कोलकाता के बालीगंज इलाके में एक साधारण दो कमरे के सरकारी अपार्टमेंट में रहते थे। वह कुछ समय से अस्वस्थ थे और सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित थे जिसके कारण उन्हें बार-बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ता था। पिछले साल निमोनिया की चपेट में आने के बाद उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखना पड़ा था।  हाल के वर्षों में वह क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी बीमारी से जूझ रहे थे और शायद ही कभी अपने घर से बाहर निकले थे।

पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री और माकपा के वरिष्ठ नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे भट्टाचार्य ने आज अपनी अंतिम सांस ली, जिससे भारतीय राजनीति के एक युग का अंत हो गया। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है, खासकर पश्चिम बंगाल में, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपनी विशिष्ट छाप छोड़ी थी।

बुद्धदेव भट्टाचार्य का जन्म 1 मार्च 1944 को हुआ था और उन्होंने अपनी शिक्षा कलकत्ता विश्वविद्यालय से पूरी की। वे 1960 के दशक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हुए और राजनीति में अपने करियर की शुरुआत की। भट्टाचार्य ने अपने जीवन का अधिकांश हिस्सा राजनीति और समाज सेवा को समर्पित किया।

वह 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे और इस दौरान उन्होंने राज्य के विकास और औद्योगिकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके शासनकाल में पश्चिम बंगाल में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की गईं, जिनका उद्देश्य राज्य को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना था।

भट्टाचार्य पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। उनके स्वास्थ्य की स्थिति लगातार बिगड़ती गई और आज उन्होंने 80 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से उनके परिवार, राजनीतिक सहयोगियों और समर्थकों में शोक व्याप्त हो गया है।

बुद्धदेव भट्टाचार्य के निधन पर देशभर से शोक संवेदनाएँ आ रही हैं। प्रधानमंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, और राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनकी मृत्यु पर दुख व्यक्त किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भट्टाचार्य के निधन को राज्य के लिए एक बड़ी क्षति बताया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

भट्टाचार्य ने अपने कार्यकाल के दौरान कई विवादास्पद फैसले भी लिए, लेकिन उनकी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता की आज भी प्रशंसा की जाती है। उन्होंने पश्चिम बंगाल के सामाजिक और आर्थिक ढांचे में कई सुधार किए, जो आज भी राज्य की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

बुद्धदेव भट्टाचार्य का निधन भारतीय राजनीति के एक महत्वपूर्ण अध्याय का अंत है। उन्होंने अपने जीवन में कई उपलब्धियाँ हासिल कीं और अपने विचारों से लाखों लोगों को प्रेरित किया। उनके निधन से देश ने एक महान नेता और समाजसेवी को खो दिया है। उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।

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