कार्यालयों

joharcg.com रायपुर। शासकीय कार्यालयों में निर्धारित समय पर अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति को लेकर रायपुर संभागायुक्त ने कड़ा रूख दिखाया है। बुधवार को संभागायुक्त कार्यालय में हुई समीक्षा बैठक में कावरे ने सख्त निर्देश दिए की निर्धारित समय पर कार्यालय में अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति कार्यालय प्रमुख की जिम्मेदारी होगी। निर्धारित समय पर कार्यालय नही आने वाले अधिकारी-कर्मचारी के कारण आमजनों के काम प्रभावित होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे कर्मचारियों के विरूद्ध शासकीय नियमो के अनुसार निलंबन तक की कार्रवाई कार्यालय प्रमुख कर सकेंगे।

कावरे ने यथासंभव कार्यालयों में बायोमेट्रिक अटेंडेस सिस्टम लगाने की पहल करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। संभागायुक्त ने रायपुर संभाग के सभी पांच जिलों में चल रहे विकास कार्यांें की अद्यतन जानकारी उपस्थित अधिकारियों से ली। बैठक में कृषि, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग, सेतु विकास निगम, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, सहकारिता विभाग, समाज कल्याण विभाग के संभाग स्तरीय अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में संभागायुक्त ने अधिकारियों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत शामिल सभी जन सेवाओं को निर्धारित समय सीमा में हितग्राहियों को उपलब्ध कराने निर्देश दिए। उन्होंने लोक सेवा गारंटी अधिनियम की सेवाओं से संबंधित जानकारी बोर्ड लगाकर कार्यालयों में प्रदर्शित करने के निर्देश भी दिए। कावरे ने बैठक में यह भी कहा कि लोक सेवा गारंटी के सेवाओं का ऑनलाईन रिकॉर्ड रखने के साथ-साथ सप्ताहवार प्रिंट आउट लेकर पंजी संधारण भी करें। उन्होंने सभी संभाग स्तरीय अधिकारियों से अपने-अपने कार्यालयों में लंबित अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों के भी जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश दिए। कावरे ने संभाग मे चल रहे विभिन्न निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए निर्धारित समय सीमा में पूरा करने के निर्देश भी दिए।

सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की लेट-लतीफी को लेकर संभागायुक्त ने सख्त रुख अपनाया है। हाल ही में जारी किए गए निर्देशों में उन्होंने सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि कर्मचारी निर्धारित समय पर कार्यालय में उपस्थित हों। यह कदम सरकारी कामकाज में सुधार और समयबद्धता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

संभागायुक्त का यह कदम कर्मचारियों की अनुशासनहीनता को रोकने और सरकारी कार्यालयों में कार्यक्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है। यह देखा गया है कि कई सरकारी विभागों में कर्मचारी समय पर कार्यालय में उपस्थित नहीं होते, जिससे कार्यों में देरी होती है और आम जनता को असुविधा का सामना करना पड़ता है।

संभागायुक्त द्वारा जारी किए गए प्रमुख निर्देशों में शामिल हैं:

  1. समय पर उपस्थिति: सभी कर्मचारियों को कार्यालय में निर्धारित समय पर उपस्थित होना अनिवार्य होगा। देरी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
  2. उपस्थिति रजिस्टर की निगरानी: कार्यालय प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नियमित रूप से उपस्थिति रजिस्टर की जांच करें और सुनिश्चित करें कि सभी कर्मचारी समय पर कार्यालय में मौजूद हों।
  3. अचानक निरीक्षण: संभागायुक्त द्वारा अचानक निरीक्षण किए जाने की भी संभावना जताई गई है, ताकि कर्मचारियों की उपस्थिति की जांच की जा सके और अनुशासनहीनता के मामलों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
  4. कठोर कार्रवाई: समय पर कार्यालय नहीं पहुंचने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है, जिसमें वेतन कटौती से लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई तक शामिल हो सकती है।

इस निर्णय के बाद, सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति और समयबद्धता पर कड़ी नजर रखी जा रही है। यह उम्मीद की जा रही है कि इस कदम से कार्यालयों में कामकाज की गुणवत्ता और जनता के प्रति सेवाओं में सुधार होगा।

संभागायुक्त के इस कदम का विभिन्न स्तरों पर स्वागत और आलोचना दोनों हो रही है। जहां कुछ कर्मचारियों ने इसे अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया है, वहीं कुछ ने इसे अत्यधिक कठोर माना है। आम जनता को उम्मीद है कि इस कदम से सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा और उनके काम समय पर पूरे होंगे

संभागायुक्त द्वारा कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए सख्त कदम सरकारी कार्यप्रणाली में अनुशासन और कार्यक्षमता को बढ़ाने का प्रयास हैं। यह निर्णय सरकारी कार्यालयों में कामकाज की गुणवत्ता को सुधारने और आम जनता की समस्याओं को समय पर हल करने में मददगार साबित हो सकता है।

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