joharcg.com रायपुर। कोल लेवी वसूली और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट से नियमित जमानत मिल गई है। मगर इसी मामले में ईओडब्ल्यू द्वारा दर्ज प्रकरण के चलते रानू साहू को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। रानू के अलावा कारोबारी सुनील अग्रवाल और दीपेश टांक को भी सुप्रीम कोर्ट से नियमित जमानत मिल गई है। दरअसल आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EWO) में इसी वर्ष जनवरी के महीने में रानू साहू के खिलाफ चल रहे मामलों को लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का जुर्म दर्ज किया गया है और इस मामले में अभी तक उन्हें जमानत नहीं मिली है, इस वजह से उन्हें अभी जेल में ही रहना पड़ेगा।
चंद्राकर की जमानत अर्जी खारिज
उधर कस्टम मिंलिंग प्रोत्साहन घोटाले में जेल में बंद राइस मिलर रोशन चंद्राकर को विशेष अदालत से जमानत नहीं मिली। उनके अधिवक्ता ने बताया कि आज अदालत ने उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने रानू साहू को जमानत प्रदान की है, लेकिन इस निर्णय के साथ कुछ शर्तें भी जुड़ी हुई हैं। यह मामला लंबे समय से सुर्खियों में रहा है, और अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय से रानू साहू को राहत दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने रानू साहू को जमानत देने का आदेश जारी किया, जिसे उनके वकीलों और समर्थकों ने राहत की खबर माना। जमानत मिलने के बाद, रानू साहू को अब जेल से बाहर आकर अपनी कानूनी प्रक्रिया का सामना करने का अवसर मिलेगा।
हालांकि रानू साहू को जमानत मिल गई है, लेकिन इस जमानत के साथ कुछ महत्वपूर्ण शर्तें भी लागू की गई हैं। इनमें शामिल हैं:
- गवाहों से संपर्क न करना: रानू साहू को मामले के गवाहों से संपर्क करने की अनुमति नहीं है। यह कदम जांच प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
- प्रेस और मीडिया से दूरी: उन्हें प्रेस और मीडिया से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है, ताकि मामले पर किसी भी प्रकार का प्रभाव न पड़े।
- नियमित हाजिरी: रानू साहू को कोर्ट के सामने नियमित रूप से हाजिर होना होगा और जांच प्रक्रिया में पूरी तरह से सहयोग देना होगा।
जमानत मिलने के बावजूद, रानू साहू को अब भी कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा। अदालत ने स्पष्ट किया है कि जमानत केवल अस्थायी राहत प्रदान करती है और मामले की पूरी सुनवाई के बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
रानू साहू के समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि इस स्थिति का पूरी तरह से समाधान होने तक संयम बनाए रखना आवश्यक है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा रानू साहू को जमानत देने का निर्णय उनके लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह जमानत कुछ शर्तों के साथ आई है जो कि उन्हें कानूनी प्रक्रिया के दौरान पालन करनी होंगी। आगे की कानूनी प्रक्रिया में सहयोग देना और अदालत के निर्देशों का पालन करना रानू साहू के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा।