Bhuteshwarnath Mahadev
Bhuteshwarnath Mahadev Mandir Gariaband गरियाबंद से 3 किलो मीटर दूर घने जंगलों के बीच बसा है ग्राम मरौदा। सुरम्य वनों एवं पहाडियों से घिरे अंचल में प्रकृति प्रदत्त विश्व का सबसे विशाल शिवलिंग विराजमान है। एक ओर जहां महाकाल और अन्य शिवलिंग के आकार के छोटे होते जाने की खबर आती है वहीं एक शिवलिंग ऐसा भी है जिसका आकार घटता नहीं बल्कि हर साल और बढ़ जाता है। यह शिवलिंग प्राकृतिक रूप से निर्मित है। हर साल महाशिवरात्रि और सावन सोमवार को लंबी पैदल यात्रा करके कांवरिए यहां पहुंचते हैं। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित इस शिवलिंग को यहां भूतेश्वरनाथ के नाम से पुकारा जाता है। जिसे भकुर्रा भी कहा जाता है द्वादश ज्योतिर्लिंगों की भांति छत्तीसगढ़ में इसे अर्धनारीश्वर शिवलिंग होने की मान्यता प्राप्त है।सबसे आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि इस शिवलिंग का आकार लगातार हर साल बढ़ रहा है।
Bhuteshwarnath Mahadev Mandir Gariaband संभवतः इसीलिए यहां पर हर साल आने पैदल आने वाले भक्तों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। छत्तीसगढ़ी भाषा में हुकारने की आवाज को भकुर्रा कहते हैं, इसी से छत्तीसगढ़ी में इनका नाम भकुर्रा पड़ा है।