joharcg.com मध्य प्रदेश के भैतूल में भीमसेना के प्रदेश प्रभारी पंकज अतुलकर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में चंद्रचूड़ ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने को लेकर अतुलकर को निशाना बनाया है।
पंकज अतुलकर ने रविवार को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इस पोस्ट को शेयर किया था, जिससे उन्हें मुख्य न्यायाधीश को जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया गया। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए जिले के कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया है। अतुलकर ने मामले को सामने खोलते हुए कहा कि चंद्रचूड़ ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करके एससी-एसटी लोगों को फिर से गुलाम बनाने की कोशिश की है। इसे मानवता के खिलाफ और संविधान के खिलाफ माना जाना चाहिए।
अतुलकर ने उठाए गए इस कदम को खारिज करने की मांग की है और कहा कि उनके महापुरुषों ने गुलामी झेलने के बावजूद भारत के लोगों के हित में कदम उठाया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करके यह स्पष्ट किया कि अगर हम गुलामी के खिलाफ नहीं उठेंगे, तो हमारी स्वतंत्रता पर खतरा हो सकता है। जिसे समझने के लिए, पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है और उसे जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। इस मामले में पुलिस ने संविधान की धाराएं भी उल्लंघित करने वाले आरोपी के खिलाफ कड़े कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।,
नई दिल्ली – भीमसेना के प्रदेश प्रभारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को धमकाने के गंभीर आरोप में मामला दर्ज किया गया है। यह घटना देश के न्यायिक क्षेत्र में एक नया विवाद उत्पन्न कर रही है और इससे संबंधित अधिकारियों और कानूनी समुदाय में हलचल मच गई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, भीमसेना के प्रदेश प्रभारी पर आरोप है कि उन्होंने CJI को सार्वजनिक मंच पर धमकाया और उनके खिलाफ विवादित टिप्पणियाँ कीं। यह मामला तब सामने आया जब एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें प्रदेश प्रभारी को CJI के खिलाफ विवादास्पद और धमकी भरे शब्दों का प्रयोग करते हुए देखा गया।
वीडियो क्लिप के वायरल होने के बाद, CJI ने पुलिस से संपर्क किया और मामले की शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई शुरू की और प्रदेश प्रभारी के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस ने कहा कि आरोपों की जांच की जाएगी और यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो आरोपी के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इस मामले ने न्यायपालिका और राजनीतिक क्षेत्र में एक नई बहस को जन्म दिया है। कई वरिष्ठ न्यायाधीश और कानूनी विशेषज्ञों ने CJI के खिलाफ धमकियों की निंदा की है और न्यायपालिका की स्वतंत्रता और सम्मान की रक्षा के लिए सख्त कार्रवाई की आवश्यकता जताई है।
भीमसेना के नेताओं ने आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उनके प्रदेश प्रभारी का बयान पूरी तरह से व्यक्तिगत विचार था और इसका कोई औपचारिक प्रभाव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वे कानूनी प्रक्रिया का पालन करेंगे और मामले की उचित जांच के लिए सहयोग करेंगे।
इस विवाद ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि सार्वजनिक व्यक्तियों और नेताओं को अपनी जिम्मेदारियों के प्रति कितना सावधान रहना चाहिए। न्यायपालिका की स्वतंत्रता और सुरक्षा की रक्षा करना लोकतंत्र के महत्वपूर्ण हिस्से हैं, और ऐसे मामलों में उचित कानूनी कार्रवाई का होना आवश्यक है।
मामले की जांच जारी है और आगे की कार्रवाई पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। इस घटना ने न्यायपालिका और राजनीति के बीच रिश्तों की जटिलताओं को उजागर किया है और इससे जुड़े सभी पक्षों को सटीक और निष्पक्ष जांच की उम्मीद है। Shyam Bihari Jaiswal Archives – JoharCG