कोरबा हाथियों का उत्पात

joharcg.com छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हाथियों के एक झुंड ने हाल ही में भारी उत्पात मचाया, जिससे स्थानीय ग्रामीणों में दहशत फैल गई है। घटना तब घटी जब हाथियों ने गाँव में प्रवेश कर 7 मकानों को तहस-नहस कर दिया। इस अप्रत्याशित हमले से ग्रामीण भयभीत हो गए और उन्होंने सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन किया।

घटना की शुरुआत उस समय हुई जब हाथियों का यह झुंड जंगल से बाहर निकलकर गाँव में घुस आया। पहले तो उन्होंने खेतों और फसलों को नुकसान पहुँचाया, लेकिन बाद में वे मकानों की ओर बढ़ गए। हाथियों ने बिना किसी चेतावनी के मकानों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। इस प्रक्रिया में घरों में रखे सामानों का भी भारी नुकसान हुआ।

ग्रामीणों ने तत्काल प्रशासन और वन विभाग को सूचित किया, जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। वन विभाग ने हाथियों को काबू में करने और उन्हें जंगल की ओर वापस भेजने के प्रयास किए। हालांकि, इस दौरान हुए नुकसान से ग्रामीणों को गहरा आघात पहुंचा है।

हाथियों के इस उत्पात से गाँव में अफरा-तफरी मच गई और लोग अपने परिवार के सदस्यों के साथ सुरक्षित स्थानों की ओर भागने लगे। कई ग्रामीणों ने अपने घरों को छोड़कर रिश्तेदारों या परिचितों के यहां शरण ली है।

इस घटना के बाद, प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने और पुनर्वास की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है। वन विभाग के अधिकारी हाथियों के इस हमले के पीछे के कारणों की जांच कर रहे हैं और ग्रामीणों को भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाने के लिए उपाय करने की योजना बना रहे हैं।

यह घटना दर्शाती है कि कैसे मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर रूप ले सकता है। ग्रामीणों की सुरक्षा और उनकी संपत्ति की रक्षा के लिए, वन्यजीवों के प्रवास मार्गों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

कोरबा। जिले के पसान से लगे ग्राम पंचायत कुम्हारीसानी के भर्रापारा में हाथियों का एक झुंड भोजन की तलाश में गाँव में घुस आया और 7 मकानों को तोड़ डाला। इस घटना से ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है।
हाथियों का यह झुंड सिर्फ कुम्हारीसानी तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि आसपास के अन्य गांवों में भी जा धमका है। इस वजह से उन गांवों में भी डर का माहौल बन गया है। कुछ ग्रामीणों को अपनी जान बचाने के लिए भागना पड़ा। बारिश के मौसम में ग्रामीणों की परेशानी और भी बढ़ गई है, क्योंकि वे रातभर जागने को मजबूर हो गए हैं।

हालांकि, वन विभाग की टीम हाथियों पर लगातार नजर बनाए हुए है और उनके प्रत्येक मूवमेंट्स की जानकारी शीर्ष अधिकारियों को दी जा रही है। इस सक्रियता के कारण ग्रामीणों को कोई जनहानि नहीं हुई है। कोरबा जिले के जंगलों को हाथियों ने अपना स्थायी निवास बना लिया है,

लेकिन वहां भोजन की कमी हो जाने के कारण वे एक जंगल से दूसरे जंगल की ओर रुख करते हैं। जंगलों में पर्याप्त भोजन न मिलने के बाद, हाथी रात के समय गांवों तक पहुंच रहे हैं। खासकर कटहल के फल, जो कि हाथियों को बहुत प्रिय हैं, उनकी खुशबू से आकर्षित होकर वे गांवों तक आ धमकते हैं।

कटहल पकने का समय होने के कारण, हाथी इनकी गंध से आकर्षित होकर गांवों तक पहुंच जाते हैं और नुकसान पहुंचाते हैं। ग्रामीणों को इस स्थिति से निपटने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि हाथियों का यह व्यवहार उनके जीवन और संपत्ति के लिए खतरा बना हुआ है। वन विभाग ग्रामीणों को सुरक्षित रहने और हाथियों से बचाव के उपायों की जानकारी भी दे रहा है।

हाथियों का यह हमला ग्रामीणों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। वन विभाग की सतर्कता और ग्रामीणों की जागरूकता ही इस समस्या का हल निकाल सकती है। हाथियों को जंगल में पर्याप्त भोजन मिल सके, इसके लिए भी उपाय किए जाने चाहिए ताकि वे गांवों की ओर न आएं और ग्रामीणों की सुरक्षा बनी रहे।

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