joharcg.com रायपुर: छत्तीसगड़ में गेड़ी त्योहार का आगाज़ कल, अर्थलिपि के अनुसार हरेली साथी होगी। हरेली छत्तीसगड़ का पहला त्यौहार है, जिससे इस राज्य में खेती-किसानी की शुरुआत होती है। यह ग्रामीण क्षेत्रों में एक परंपरागत महत्वपूर्ण त्योहार है जो खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

हरेली त्योहार के दौरान लोग मिठाई और खीर बनाते हैं, जिसे उन अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करते हैं। इस अवसर पर खेतों में भी लोग चंदन की रंगरेजी करते हैं और शुभकामनाएं देते हैं। छत्तीसगड़ के उत्सवों में हरेली त्यौहार की अद्भुत मिठास और ढेर सारी धूमधाम में रहती है। इसे मनाने के पीछे भी इतिहास और परंपरा की गहरी भावना छुपी है।

हरेली त्योहार से जुड़ी कई रास्ते-बाज़ी, परंपराएँ और कहानियाँ हैं जो छत्तीसगड़ के लोगों की भावनाओं और संस्कृति को प्रकट करती हैं। यह एक जोड़ने वाला त्योहार है, जिसे सभी मिलकर पूरे उत्साह और आनंद के साथ मनाते हैं।इस वर्ष के हरेली त्योहार में छत्तीसगड़ के लोग खुशियों का त्योहार मनाएंगे और अपने परिवार के साथ एक साथ हरेली के रंगों में खिल जाएंगे। सभी को गेड़ी त्योहार की हार्दिक शुभकामनाएं!

छत्तीसगढ़ में हर साल मनाए जाने वाले गेड़ी त्योहार की तैयारियाँ जोरों पर हैं। यह त्योहार 4 अगस्त को मनाया जाएगा, और प्रदेशवासी इसे धूमधाम से हरेली के साथ मनाएंगे। गेड़ी त्योहार छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

गेड़ी त्योहार का मुख्य आकर्षण गेड़ी (लकड़ी की छड़ी) पर चढ़कर नाचना होता है, जो छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कला और संस्कृति को दर्शाता है। इस त्योहार के दौरान, लोग रंग-बिरंगे वस्त्र पहनकर और संगीत की धुन पर परंपरागत नृत्य करते हैं। गेड़ी त्योहार की खासियत यह है कि यह खेती और फसल की सफलता का प्रतीक होता है, और इसे हरेली के साथ जोड़ा जाता है, जो प्रदेश में कृषि पर्व के रूप में मनाया जाता है।

इस साल, गेड़ी त्योहार की तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ी गई है। विभिन्न स्थानों पर रंगीन झांकियाँ सजाई जा रही हैं, और लोक कला के कार्यक्रमों की व्यवस्था की गई है। गाँवों और शहरों में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं, जिसमें सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, खेल-कूद और पारंपरिक पकवानों का आनंद लिया जाएगा। इस अवसर पर ग्रामीणों और शहरवासियों का उत्साह देखते ही बनता है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा, “गेड़ी त्योहार छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। यह हमें अपनी परंपराओं और संस्कृति को बनाए रखने की प्रेरणा देता है। हरेली के साथ मनाया जाने वाला यह त्योहार हमें एकजुट करता है और हमारे जीवन में खुशियाँ लाता है।” Vishnu Deo Sai Archives – JoharCG

हरेली त्योहार का महत्व भी कम नहीं है, क्योंकि यह कृषि के महत्वपूर्ण पहलुओं को सम्मानित करता है। इस दिन, किसान अपने खेतों में पूजा-अर्चना करते हैं और फसलों की उन्नति की कामना करते हैं। हरेली के दिन, लोग विशेष तौर पर हरे पौधे, जड़ी-बूटियाँ और फसलों की पूजा करते हैं, जो उनकी मेहनत और समर्पण का प्रतीक होता है।

गेड़ी और हरेली का यह उत्सव छत्तीसगढ़ के लोगों के जीवन में विशेष स्थान रखता है और उन्हें अपनी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति गर्व महसूस कराता है। यह त्योहार सामाजिक एकता, खुशियों और पारंपरिक कला का आदान-प्रदान करने का एक बेहतरीन अवसर है, जो हर साल नई उमंग और उत्साह के साथ मनाया जाता है।