अगस्त में बारिश उम्मीदें

joharcg.com इंदौर में मौसम का हाल जुलाई महीने की बारिश के बाद से बदल गया है। जुलाई महीने में सीजन के कोटे के हिसाब से कम बारिश हुई थी, लेकिन अब अगस्त महीने में आसमान में रोमांचक बादल देखने को मिल रहे हैं। इसी के साथ, बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम बनने की संभावना है जिससे अगस्त महीने के शुरुआती दिनों में ज़्यादा बारिश की उम्मीद है।

अगस्त महीने में इंदौर में 15 से 17 इंच बारिश की संभावना है। अगर ऐसा होता है तो यशवंत सागर और बिलावली तालाब पूरी क्षमता से भर जाएंगे। पिछले साल का अगस्त महीना बारिश के लिए अनुसंधान में कमजोर रहा था, जबकि औसतन 12 दिनों तक बारिश होती है।

इंदौर में अगस्त महीने का सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 1944 में हुआ था, जब 27.8 इंच बारिश हुई थी। हालांकि, पिछले साल का अगस्त महीना औसतन 2.7 इंच बारिश से गुजरा था।

अरब सागर के प्रभाव से इंदौर में बारिश की स्थिति अनिश्चित है, जबकि बंगाल की खाड़ी के सिस्टम के आने से अच्छी बारिश की उम्मीद है। इंदौर वासियों के लिए ये एक अच्छी खबर है क्योंकि तालाबों की स्थिति भी अच्छी है।

अगस्त महीने के आगामी दिनों में बारिश की स्थिति का अंदाज़ लगाना मुश्किल है, लेकिन पिछले साल का अनुभव ये दिखाता है कि अगस्त महीने में बारिश की स्थिति बदल सकती है।

इंदौर में बारिश की स्थिति का मौसमी विभाग नजरबंद कर रहा है और आने वाले दिनों में स्पष्टता लाने की प्रतीक्षा है।,अगस्त में मानसून के सक्रिय होने की उम्मीद है, जिससे देश के कई हिस्सों में बारिश की कमी को पूरा किया जा सकता है। इस महीने के दौरान, वातावरण में नमी की वृद्धि और बादल बनने की प्रक्रिया तेज हो सकती है, जिससे बारिश की संभावना बढ़ेगी।

किसानों और कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगस्त में बारिश में सुधार से रबी की फसलों के लिए राहत मिल सकती है। किसानों ने जुलाई की कम बारिश से निपटने के लिए अपनी फसल की देखभाल और सिंचाई के लिए अतिरिक्त उपाय किए हैं। अब वे अगस्त में बारिश की उम्मीद कर रहे हैं ताकि उनकी फसलें सुरक्षित और स्वस्थ बनी रहें। Vishnu Deo Sai Archives – JoharCG

इस बीच, नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि वे जल संरक्षण के उपायों को अपनाएं और कम वर्षा की स्थिति में पानी के संसाधनों का प्रबंधन सावधानीपूर्वक करें। अगस्त के महीने में मौसम की स्थिति पर ध्यान देना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इससे आने वाले महीनों के मौसम और जलवायु पर भी प्रभाव पड़ सकता है।