IAS Officer Trainee Pooja

joharcg.com आईएएस अधिकारी ट्रेनी पूजा खेड़कर को हाल ही में एक विवादास्पद मामले में पद से हटा दिया गया है और उन्हें सभी सरकारी परीक्षाओं में भाग लेने पर प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस फैसले ने सरकारी सेवाओं में कार्यरत अधिकारियों और परीक्षार्थियों के बीच व्यापक चर्चा पैदा कर दी है।

पूजा खेड़कर को यह सजा एक गंभीर आरोप के बाद दी गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके खिलाफ अनुशासनहीनता और पेशेवर आचरण के उल्लंघन के आरोप लगे थे। इस संदर्भ में एक विस्तृत जांच के बाद, यह पाया गया कि उनके कार्यों से सरकारी मानक और आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है, जिससे उनकी ईमानदारी और क्षमता पर सवाल उठे।

सरकारी विभाग ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, पूजा खेड़कर को तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटा दिया। इसके साथ ही, उन्हें सभी भविष्य की सरकारी परीक्षाओं में भाग लेने से भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह निर्णय न केवल उनके करियर को प्रभावित करेगा, बल्कि अन्य अधिकारियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश प्रस्तुत करता है कि किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

इस निर्णय पर विभिन्न पक्षों की प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि यह एक कठोर लेकिन आवश्यक कदम है जो सरकारी सेवाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। वहीं, अन्य लोगों ने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता और उचित सुनवाई के अधिकार का उल्लंघन बताया है।

पूजा खेड़कर के समर्थकों का कहना है कि उन्हें उचित सुनवाई का अवसर नहीं मिला और यह निर्णय जल्दबाजी में लिया गया है। वे मानते हैं कि जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी रही है। हालांकि, सरकारी विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि सभी प्रक्रियाओं का पालन करके ही यह निर्णय लिया गया है और इसकी वैधता पर कोई संदेह नहीं है।यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन ने ट्रेनी आईएएस पूजा खेड़कर पर कड़ा एक्शन लिया है।

आयोग ने पूजा खेड़कर से उनका आईएएस पद छीन लिया है और उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं के लिए स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया है। यह जानकारी आयोग ने खुद दी है।यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन ने सिविल सेवा परीक्षा-2022 (सीएसई-2022) में अनंतिम रूप से अनुशंसित उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेड़कर की अनंतिम उम्मीदवारी रद्द कर दी है। आयोग ने बताया कि पूजा खेड़कर की उम्मीदवारी को रद्द करते हुए उन्हें भविष्य की सभी परीक्षाओं और चयनों से स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 19 जुलाई को पूजा खेड़कर पर सिविल सेवा परीक्षा में अपनी उम्मीदवारी सुरक्षित करने के लिए विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का मामला दर्ज किया था। इसी मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में मंगलवार को पूजा खेड़कर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, खेड़कर की ओर से पेश एडवोकेट बीना माधवन ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल को कलेक्टर के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराने के कारण निशाना बनाया जा रहा है।

इस घटना के बाद, सरकारी सेवा में कार्यरत अन्य अधिकारियों और ट्रेनीज के लिए यह एक महत्वपूर्ण सीख है कि उन्हें अपने आचरण और कर्तव्यों को लेकर पूरी सतर्कता और ईमानदारी बरतनी होगी। यह मामला सरकारी सेवाओं की प्रणाली में विश्वास और नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए एक परीक्षा के रूप में सामने आया है।