उज्जैन। उज्जैन में सावन के तीसरे सोमवार (5 अगस्त) को भगवान महाकाल की सवारी के दौरान एक अनूठा विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया जाएगा। इस खास मौके पर रामघाट पर एक साथ 1000 डमरू वादकों द्वारा 15 मिनट तक भस्म आरती की धुन पर प्रस्तुति दी जाएगी। इस प्रयास का उद्देश्य गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करवाना है।
महाकाल मंदिर समिति ने इस भव्य आयोजन की तैयारी के लिए विशेष डमरू दल का गठन किया है। इस दल के सदस्य तीन दिनों तक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, ताकि हर वादक की प्रस्तुति एक जैसी और समन्वित हो सके। इन तीन दिनों के प्रशिक्षण में वादकों को भस्म आरती की धुन पर वादन की तकनीक और समन्वय पर जोर दिया जाएगा।
इस आयोजन के तहत, रामघाट पर मोक्षदायिनी शिप्रा के तट पर 1000 डमरू एक साथ बजाए जाएंगे, जिससे एक साथ बजने वाली ध्वनियों का प्रभाव अत्यंत दिव्य और मंत्रमुग्ध कर देने वाला होगा। इस आयोजन के दौरान, विशेष गणवेश में सुसज्जित वादक भस्म आरती की धुन पर प्रस्तुति देंगे, जो दर्शकों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होगा।
इस विश्व रिकॉर्ड प्रयास के तहत, देश-विदेश से आने वाले भक्तों को 5 किलोमीटर लंबे सवारी मार्ग पर शिव को प्रिय वाद्यों की मंगल ध्वनि सुनाई देगी। यह आयोजन न केवल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रयास को रेखांकित करेगा, बल्कि महाकाल के प्रति भक्ति और श्रद्धा का भी एक अद्वितीय उदाहरण पेश करेगा।
उज्जैन के इस आयोजन से जुड़कर, लोग एक अद्वितीय भक्ति अनुभव का हिस्सा बनेंगे और महाकाल की सवारी में यह रिकॉर्ड समारोह एक ऐतिहासिक पल बन जाएगा।