Gouraiya Dham Choural, Balod
Gouraiya Dham Choural, Balod न्यास सिद्ध शक्तिपीठ पवित्र गौरैया धाम – बालोद जिले के गुण्डरदेही ब्लॉक मुख्यालय से 15 कि.मी की दुरी पर ग्राम चौरेल में तांदुला नदी के सुरम्य तट पर यह पवित्र गौरेया धाम स्थित है।
इस पवित्र धाम में प्रतिवर्ष माघी पूर्णिमा के अवसर पर भव्य मेला लगता है तथा नदी में विभिन्न अखाड़ों के साधु संत एवं आमजन शाही स्नान करते हैं। मेला के दौरान यहाँ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है।
इस पवित्र धाम में प्राचीन शिवालय होने के कारण सावन मास में विशेष रौनक रहती है।
किवदंती
इस पवित्र धाम की क्षेत्र में यह कथा प्रचलित है कि सभी देवी-देवता तीर्थ भ्रमण करते हुए शिवरात्रि में यहां इस पवित्र धाम में पधारे व समाधि में लीन हो गए।
भगवान शिव जी ने समाधि खुलने के बाद यह देखा कि माता गौरी व गौरैया पक्षी अपने हाथों में चंवर (चावल) लिए प्रभु की भक्ति में लीन हैं। भगवान शिव जी, दोनों के सेवाभाव से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया। माता गौरी और गौरैया पक्षी दोनों हाथ जोड़कर कहे कि हे प्रभु आप सर्वज्ञ हैं हमें यह वर दिजिए की हम सदैव आपकी सेवा में लीन रहें।
भगवान शिव जी ने गौरैया को आशीर्वाद दिया कि तुम मेरा संदेश घर घर में पहुंचाना इसलिए गौरैया पक्षी चिंव-चिंव (शिव-शिव) कर भगवान शिव का स्मरण कर प्रकृति में शिव नाम कि महिमा का गुणगान करती है। इस धाम में प्राचीन मंदिरों का विशिष्ट समुह है यहां राम-जानकी मंदिर, भगवान जगन्नाथ मंदिर, ज्योतिर्लिंग दर्शन, दुर्गा मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, पंचमुखी हनुमान मंदिर, है। इस प्राचीन मंदिर के पास ही बुढ़ादेव मंदिर, संत गुरु घासीदास मंदिर, संत कबीर मंदिर, वैदिक आश्रम आदि प्रमुख प्रसिद्ध मंदिर है ।
आकर्षण
इतिहास में रूचि रखने वाले लोगों के लिए यह अत्यंत आकर्षक स्थल है। इस धाम में स्थित एक प्राचीन बावली में खुदाई से 8वीं से 12वीं सदी की लगभग 140 पाषाण मुर्तियां प्राप्त हुई है। जिन्हें मंदिर प्रांगण में रखा गया है। छत्तीसगढ़ के ऐतिहासिक परिदृष्टि से यह क्षेत्र फणी नागवंशी शासकों के अधीन था । यहां से प्राप्त मुर्तियों एवं भोरमदेव मंदिर में स्थित मुर्तियों में साम्यता है । यहां के मुर्तियों में चांद, तारे, सूरज, चक्र, व हाथ के निशान का अंकन है। जो फणी नागवंशी शासकों के समकालीन होने की पुष्टि करती है। 2008 में इस पवित्र धाम को राज्य शासन की ओर से पर्यटन स्थल घोषित किया गया है।